महिलाओं में स्तन स्वास्थ्य (Breast Health) से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण बड़ी संख्या में महिलाएं समय पर इलाज नहीं करवा पातीं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा की और महिलाओं को सतर्क रहने की सलाह दी।
AIIMS के सर्जिकल डिसिप्लिन्स, प्लास्टिक सर्जरी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभागों के विशेषज्ञों ने बताया कि 50-60% महिलाएं अपने जीवनकाल में किसी न किसी स्तन समस्या का सामना करती हैं, लेकिन केवल 6-10% ही इलाज कराती हैं। वहीं, 40-60% महिलाएं मानसिक तनाव का शिकार होती हैं।
स्तन रोगों (Breast Cancer )की कहां अनदेखी कर रहीं महिलाएं?
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में 32% महिलाएं शर्म और झिझक के कारण स्तन परीक्षण नहीं करवातीं, जिससे उनका इलाज देर से शुरू होता है। कई मामलों में स्तनों का असामान्य आकार, गांठ, ढीलापन, असमानता, या निप्पल की विकृतियों को लेकर महिलाएं परेशान रहती हैं, लेकिन इलाज के लिए आगे नहीं आतीं।
AIIMS के प्लास्टिक सर्जरी विभाग की डॉक्टर शिवांगी साहा ने बताया कि स्तन स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का आधुनिक इलाज उपलब्ध है और महिलाएं घबराने की बजाय डॉक्टर से सलाह लें।
स्तन कैंसर (Breast Cancer) से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
विशेषज्ञों ने बताया कि 90% स्तन गांठें कैंसरयुक्त नहीं होतीं, लेकिन स्तन कैंसर का खतरा हमेशा बना रहता है। इसलिए, स्वयं स्तन परीक्षण (Self Breast Examination) और नियमित चिकित्सा जांच बहुत जरूरी हैं।
AIIMS के डॉक्टर अतुल बत्रा ने कहा कि “कैंसर के इलाज में तेजी से बदलाव आ रहे हैं और अब उपचार पर्सनलाइज्ड मेडिसिन की ओर बढ़ रहा है।”
वहीं, डॉ. रीमा दादा ने बताया कि “स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार से स्तन कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।”
स्तन पुनर्निर्माण सर्जरी से आत्मविश्वास बढ़ सकता है
स्तन कैंसर से पीड़ित या किसी भी कारण से स्तन गंवा चुकी महिलाओं के लिए ब्रैस्ट रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी एक नई उम्मीद बनकर आई है। विशेषज्ञों ने बताया कि इम्प्लांट, फ्लैप तकनीक और ऑनकोप्लास्टिक सर्जरी की मदद से स्तनों का पुनर्निर्माण किया जा सकता है, जिससे महिलाओं का आत्मविश्वास वापस आ सकता है।
AIIMS के प्रोफेसर वी. के. बंसल ने कहा कि “स्तन स्वास्थ्य और कैंसर के इलाज के लिए एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम जरूरी है, जिसमें सर्जन, प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ, ऑन्कोलॉजिस्ट और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हों।”
विशेषज्ञों ने महिलाओं से अपील की कि वे स्तन स्वास्थ्य को हल्के में न लें और किसी भी असामान्यता पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। AIIMS में इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे भी अभियान जारी रहेंगे, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं सही समय पर इलाज करवा सकें।
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