menopause

क्या आप 100 साल से ज्यादा जीना चाहते हैं? अगर हाँ, तो शायद आपको अपनी प्लेट से ज्यादा अपने कदमों की ओर ध्यान देना चाहिए। अमेरिका के 101 वर्षीय निवारक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. जॉन शार्फेनबर्ग ने दीर्घायु के बारे में अपनी वर्षों की सीख साझा करते हुए बताया कि लंबा और स्वस्थ जीवन पाने का असली रहस्य है — नियमित व्यायाम।

डॉ. शार्फेनबर्ग का कहना है कि आम धारणा के विपरीत, लंबी उम्र के लिए सबसे अहम कारक विशेष डाइट या तनाव कम करने की तकनीकें नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि चाहे कोई व्यक्ति मोटा हो या दुबला, यदि वह प्रतिदिन व्यायाम करता है, तो उसके स्वस्थ और लंबा जीवन जीने की संभावना ज्यादा होती है।

स्वस्थ जीवन के लिए ‘गतिशील रहना’ जरूरी

अपने अनुभव साझा करते हुए डॉ. शार्फेनबर्ग ने बताया, “एक निष्क्रिय जीवनशैली से भले ही शरीर दुबला दिखे, लेकिन इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसके मुकाबले, एक सक्रिय जीवनशैली वाला व्यक्ति — भले ही उसका वजन थोड़ा ज्यादा हो — अधिक स्वस्थ रह सकता है और लंबा जीवन भी जी सकता है।”

उनका यह दृष्टिकोण आधुनिक जीवनशैली में बढ़ती निष्क्रियता के खतरे को रेखांकित करता है। आज के डिजिटल युग में, जहां घंटों स्क्रीन के सामने बैठना आम बात हो गई है, ऐसे में डॉ. शार्फेनबर्ग का संदेश बेहद प्रासंगिक हो जाता है।

आनुवंशिकता बनाम जीवनशैली

डॉ. शार्फेनबर्ग ने यह भी कहा कि दीर्घायु केवल जीन पर निर्भर नहीं करती। “आपके माता-पिता या पूर्वज कितनी उम्र तक जिए, यह एक हद तक तो असर डालता है,” वे कहते हैं, “लेकिन आपकी आदतें और दिनचर्या कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं।”

वे उदाहरण देते हैं कि दो व्यक्तियों के जीन एक जैसे हो सकते हैं, लेकिन यदि उनकी जीवनशैली में अंतर है — जैसे एक नियमित व्यायाम करता है और दूसरा नहीं — तो उनके स्वास्थ्य परिणाम भी अलग-अलग होंगे। यह सिद्धांत वैज्ञानिक अध्ययनों द्वारा भी समर्थित है, जिसमें यह पाया गया है कि शारीरिक गतिविधि उम्र बढ़ाने के साथ-साथ उम्र से जुड़ी बीमारियों को भी दूर रखने में मदद करती है।

डॉ. शार्फेनबर्ग की सलाह

डॉ. शार्फेनबर्ग का संदेश बेहद सरल लेकिन प्रभावशाली है:
“हर दिन शरीर को सक्रिय रखें। चलना, योग करना, तैराकी, साइक्लिंग — जो भी पसंद हो, उसमें व्यस्त रहें। दिनभर में थोड़ी देर का भी व्यायाम आपके जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक बढ़ा सकता है।”

उनके अनुसार, व्यायाम केवल एक शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है, तनाव घटाता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।

एडिटोरियल:

डॉ. शार्फेनबर्ग का जीवन और उनका संदेश हमें यह सिखाता है कि लंबी उम्र का कोई जादुई फॉर्मूला नहीं है। यह छोटे-छोटे, लेकिन निरंतर किए जाने वाले प्रयासों का परिणाम है। यदि हम हर दिन अपने शरीर को सक्रिय रखते हैं, तो हम न केवल लंबा जीवन जी सकते हैं, बल्कि वह जीवन अधिक ऊर्जावान, स्वतंत्र और आनंदमय भी हो सकता है।

तो अगर आप दीर्घायु की ओर एक कदम बढ़ाना चाहते हैं, तो आज से ही सक्रिय होना शुरू करें — क्योंकि असली रहस्य आपके चलने-फिरने में छिपा है, न कि आपकी प्लेट में!

Comments