लेडी कांस्टेबल शैली बंसल

एम्स नई दिल्ली के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विजय गुज्जर ने कहा कि पता नहीं क्यों उनके मौत को दिमागी बुखार का नाम दिया गया | उनके मौत का कारण सिर्फ COVID19 है |

नयी दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के नंदनगरी थाने में तैनात एक लेडी कांस्टेबल की सोमवार को हुई मौत सरकार और प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े कर रही है | लेडी कांस्टेबल शैली बंसल की मौत सोमवार को नॉएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल में हुई| इससे पहले उन्हें बुखार, सिरदर्द और उल्टियाँ आने के कारण कैलाश हॉस्पिटल में 3 मई को भर्ती करवाया गया था |

कल उनके मौत के बाद हॉस्पिटल द्वारा जारी डेथ रिपोर्ट में मौत का जो कारण दिया गया है वो इसे संदेहास्पद बनाती है | डेथ रिपोर्ट में Acute Meningoencphalitis (दिमागी बुखार)’, ‘Stress Cardiomyopathy’ and Shock (Refractory) का नाम दिया गया है | एम्स नयी दिल्ली के डॉक्टर का कहना है की Meningoencphalitis (दिमागी बुखार) भी कोरोना इन्फेक्शन से हुआ है | हालाकिं दो बार हुए COVID-19 टेस्ट में लेडी कांस्टेबल शैली बंसल का रिपोर्ट नेगेटिव आया था |

इस पर बात करते हुए एम्स नई दिल्ली के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विजय गुज्जर ने कहा कि पता नहीं क्यों उनके मौत को दिमागी बुखार का नाम दिया गया | उनके मौत का कारण सिर्फ COVID19 है | साफ-साफ लिखा है कि इन परिस्थितियों में किसी की मौत होती है तो उसे कोरोना योद्धा ही माना जाता है चाहे रिपोर्ट नेगेटिव भी हो | पर सरकार लेडी कांस्टेबल शैली बंसल की मौत को करोना से हुई मौत मानने से इंकार कर रही है |

डेथ रिपोर्ट में दिमागी बुखार के जिक्र पर उनका कहना था कि दिमागी बुखार सिर्फ एक लक्षण है उसका कारण आज के हालात में कोरोना ही है अगर कोई दूसरा वायरस उनके शरीर में नहीं मिला है तो | जैसा कि देखने में आया है बहुत से मरीजों में रिपोर्ट नेगेटिव रहती है और कोरोना कभी हार्टअटैक कभी दिमागी बुखार कभी सांस की तकलीफ अलग अलग तरीके से शरीर को प्रभावित करता है |

उन्होंने आगे बताया की नन्द नगरी थाने में चार और लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं | इनकी रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद भी इन्हें कोरोना केस ही माना जाना चाहिए और कोरोना योद्धा की तरह इनका सम्मान किया जाना चाहिए और परिवार को उचित मदद मिलनी चाहिए |

वही ट्विट्टर पर एम्स नई दिल्ली के डॉ हरजीत सिंह भट्टी ने भी कहा की लेडी कांस्टेबल शैली बंसल की मौत को दिमागी बुखार का नाम दे कर लिपा-पोती ना कर सरकार को चाहिए शैली बंसल को कोरोना वरियर्स मान कर उन्हें पूरा सम्मान दे और उनके परिवार को आर्थिक सहायता पंहुचाये |  

इस घटना के मद्देनजर यह भी जानना जरुरी है की पूर्वी दिल्ली के नन्द नगरी थाने में चार और पुलिसकर्मी covid पॉजिटिव पाये गए हैं | लेकिन लेडी कांस्टेबल शैली बंसल की मौत को कोरोना से हुई मौत नहीं माना जा रहा है | जबकि अपने ड्यूटी करते हुए सबसे पहले शैली बंसल ने ही बुखार की शिकायत की थी और उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था और फिर उनकी मौत हो गयी |

डॉक्टर का कहना है कि कोरोना कभी हार्टअटैक, कभी दिमागी बुखार, कभी सांस की तकलीफ अलग अलग तरीके से शरीर को प्रभावित करता है | दिल्ली सरकार को चाहिए इस ओर ध्यान दे और शैली बंसल को कोरोना योद्धाओं के जैसे सम्मन दें ताकि दूसरे कोरोना योद्धाओं का हौसला ना टूटे |

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