दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स से आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं, जो न सिर्फ आम लोगों को बल्कि चिकित्सा जगत को भी हैरानी में डाल देते हैं. एक दिन पहले ही खबर आई थी कि एम्स के डॉक्टर्स ने सफल ऑपरेशन के जरिए एक युवक के पेट से 20 सेंटीमीटर का चाकू निकाला. अब खबर आई है कि डेढ़ साल की एक मासूम के सर से 5 मिलीमीटर का पत्थर निकाला गया है.
छत से गिरी थी बच्ची
डेढ़ साल की मासूम दीक्षिता अपने माता-पिता के साथ नोएडा के गौतमबुद्ध नगर में रहती है. 16 जुलाई को बच्ची छत से गिर गई थी. परिवार वालों ने पास के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां तीन दिन के इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. डॉक्टर ने इन्हें 5 दिन बाद बुलाया था. लेकिन बच्ची के सिर में अभी भी चोट थी, जिसकी वजह से बाईं आंख के ऊपर भी सूजन आ गई थी, इसलिए परिवार वाले चौथे दिन ही फिर से अस्पताल पहुंचे.
23 जुलाई को पहुंचे एम्स
डॉक्टर ने कुछ दवा बदली और कहा कि कहीं और दिखा लो. 23 जुलाई को पिता बच्ची को लेकर एम्स इमरजेंसी में पहुंचे, जहां से उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भेज दिया गया. वहां डॉक्टर ने सिटी स्कैन किया. इसी बीच बच्ची को खांसी आई और उसकी आंख से भी पस निकलने लगा. डॉक्टर ने ड्रेसिंग तो की, लेकिन बार-बार कहते रहे कि बेड नहीं है. पिता की जिद और लगातार कोशिशों के बाद रात 10 से 4 बजे के बीच बच्ची का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन हुआ और बच्ची को ऑक्सीजन पर रखा गया.
अस्पताल-दर-अस्पताल भटके
लेकिन अगली सुबह फिर उन्हें कहा गया कि बेड नहीं है, आप इसे सफदरजंग लेकर जाओ. परिवार वाले बच्ची को सफदरजंग ले गए, तो वहां उन्हें न्यूरो में पास भेज दिया. न्यूरो वालों का भी वही जवाब था कि बेड नहीं है. बच्ची की बिगड़ती हालत और अस्पताल-दर-अस्पताल भटकने के बाद परिवार ने किसी तरह से अपनी व्यथा को सोशल मीडिया तक पहुंचाया. वहां से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को इसकी जानकारी हुई और फिर उनकी पहल पर बच्ची को एम्स में भर्ती कराया गया.
स्वास्थ्य मंत्री की शुक्रगुजार
रविवार को एक्स के न्यूरोसर्जरी विभाग में डॉक्टर्स की टीम ने बच्ची का सफल ऑपरेशन किया. करीब 7 घण्टे यह सर्जरी चली और फिर इसमें जो निकला उसने सबको हैरान कर दिया. चोट के दौरान बच्ची के सिर के भीतर 5 मिलीमीटर का एक पत्थर घुस गया था. डॉक्टर्स ने इसे सर्जरी द्वारा बाहर निकाल लिया और अब आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट हो चुकी है. वो पूरी तरह खतरे से बाहर है. दीक्षिता की मां करिश्मा ने कहा है कि वे बेटी के इलाज में हस्तक्षेप के लिए स्वास्थ्य मंत्री की शुक्रगुजार हैं.
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