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प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यां ड्रेज ने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को पत्र लिख कर बताया है कि राज्य में करीब 1.30 करोड़ लोगों के पास खाना नसीब नहीं हो रहा है |

उन्होंने बिहार सरकार को पत्र लिखकर इस हालात से निबटने का उपाय सुझाया है। इस पत्र में ज्यांद्रेज ने लिखा है –

बिहार सरकार को चाहिए कि केंद्र सरकार से अपील कर वह अतिरिक्त खाद्यान्न नि:शुल्क (या एनएफएसए दर पर) आवंटित करने को कहे। फूड कारपोरेशन आफ इंडिया के पास 1 मार्च,2020 तक 80 मिलियन टन खाद्यान्न है। रबी सीजन में अधिप्राप्ति होने से स्टाक और बढ़ेगा।

उन्होंने आगे लिखा है –

बिहार स्पेशल खाद्यान्न कोटे का इस्तेमाल उन जरूरतमंद परिवारों के लिए कर सकती है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इसके अलावे इसका इस्तेमाल कम्युनिटी किचेन से भी किया जा सकता है।

ज्यां द्रेज ने अनुमान लगाया है कि बिहार को पीडीएस से छूटी ग्रामीण आबादी और मलिन बस्ती में रहने वाले परिवारों के लिए महज 20 लाख टन खाद्यान्न (पांच किलो/प्रति व्यक्ति/प्रति माह) की ज़रूरत पड़ेगी। इससे वे सालभर आराम से खा सकते हैं।

ज्यां द्रेज ने सरकार को सलाह दी है कि इन एहतियाती कदमों के अलावा सरकार को ये भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पीडीएस सही से काम करे राशन दुकानों की कड़ी निगरानी होनी चाहिए, औचक निरीक्षण करना चाहिए।

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