यह सूक्ति ‘वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः’ यजुर्वेद के नौवें अध्याय की 23वीं कंडिका से लिया गया है।
देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है | देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन जारी रखते हुए 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है | जैसा कि 24 मार्च से लागू 21 दिनों की संपूर्ण लॉकडाउन की मियाद आज खत्म होनेवाली थी, प्रधानमंत्री मोदी ने इसे देश भर में अगले 3 मई तक जारी रखने की घोषणा की है |
उन्होंने अपनी संबोधन की समाप्ति संस्कृत की सूक्ति ‘वयं राष्ट्रे जागृयाम’ से की | पीएम की इस छोटी सी संस्कृत सूक्ति की लाइन में बड़ा संदेश छिपा है।
यह सूक्ति ‘वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः’ यजुर्वेद के नौवें अध्याय की 23वीं कंडिका से लिया गया है। इसका अर्थ है, ‘हम पुरोहित राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाए रखेंगे।’
खास बात यह है कि इस सूक्ति में पीएम मोदी ने ‘पुरोहिताः’ शब्द हटा दिया। उन्होंने सिर्फ कहा ‘वयं राष्ट्रे जागृयाम:’।
पुरोहित का अर्थ होता है जो इस पुर का हित करता है। प्राचीन भारत में ऐसे व्यक्तियों को पुरोहित कहते थे, जो राष्ट्र का दूरगामी हित समझकर उसकी प्राप्ति की व्यवस्था करते थे। पुरोहित में चिन्तक और साधक दोनों के गुण होते हैं, जो सही परामर्श दे सकें।
इसका अर्थ हुआ, ‘हम राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाए रखेंगे।’ इस जंग में पीएम मोदी ने सभी लोगों का साथ मांगा है और उन पर ही राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाने का दारोमदार डाला है।
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