आयुर्वेदिक पंचकर्मा अस्पताल, प्रशांत विहार के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट  व आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर आर. पी. पाराशर के अनुसार इस वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु आयुर्वेद में समुचित इलाज उपलब्ध है।

कोरोना वायरस पशुओं में पाया जाने वाला आम वायरस है जो कभी-कभी मनुष्य के शरीर को भी संक्रमित कर देता है। चीन में भारी संख्या में मौतों के बाद भारत सहित अन्य देशों में इसके फैलाव को रोकने के लिए सतर्कता बरतना आवश्यक है। आयुर्वेदिक पंचकर्मा अस्पताल, प्रशांत विहार के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट  व आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर आर. पी. पाराशर के अनुसार इस वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु आयुर्वेद में समुचित इलाज उपलब्ध है। बच्चे, बूढ़े और ऐसे व्यक्ति जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो, वे आसानी से इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं । इस रोग से बचाव हेतु न तो कोई वैक्सीन उपलब्ध है और न ही एलोपैथी में कोई इलाज है। खांसी, जुकाम, नजला, और बुखार इस रोग के सामान्य लक्षण है जिसके चलते जल्दी इस रोग का पता नहीं लग पाता है।

सर्दी के मौसम में ठंड के कारण शरीर की इम्युनिटी वैसे ही कमजोर हो जाती है जिससे बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।

डॉ पाराशर ने बताया की तुलसी, अदरक, लोंग, कालीमिर्च, सौंठ, गिलोय व छोटी पिप्पली को दूध चाय या पानी में उबालकर दिन में दो तीन बार पीने से इम्यूनिटी में वृद्धि होती है।

सौंठ, काली मिर्च व पिप्पली की गोली त्रिकटु के नाम से बाजार में उपलब्ध है। गिलोय अथवा गुडुची की गोली भी आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान से आसानी से मिल सकती है।

दूध में हल्दी, मुनक्का व खजूर उबालकर लेने से इम्यूनिटी के स्तर में तुरंत सुधार होता है। बच्चों व बुजुर्गों के लिए इनका प्रयोग विशेष रूप से प्रभावी है।

गिलोय, भुंई आंवला, संतरा, मौसमी, अंगूर व आंवले का प्रयोग इन  दिनों नियमित रूप से करना चाहिए।

डॉ पाराशर ने आम लोगों को सलाह दी कि अपने आप को ठंड से बचाएं, ठंडी तासीर वाले भोजन का परहेज करें और गरम – गरम सूप, चाय, दूध या पानी का सेवन लगातार करते रहे

आयुर्वेदिक दवाओं में तालीशादिचूर्ण, सितोपलादि चूर्ण, लक्ष्मी विलास रस, चंद्र अमृत रस , टंकण भस्म, वासावलेह, अगस्त्य हरीतकी आदि दवाओं का सेवन चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।

वातावरण को कोरोना सहित अन्य वायरस या बैक्टीरिया आदि से मुक्त रखने हेतु अगर, तगर, लौंग, इलायची, कपूर, गुग्गल, जावित्री आदि जड़ी बूटियों को आग में जलाकर इनका धूपन करें।

चूंकि रोग हवा और पशुओं के माध्यम से फैलता है अतः समुद्री भोजन व मांसाहार से परहेज रखें। दिल्ली सहित अधिकतर शहरों का पानी  प्रदूषित है अतः कच्चा सलाद खाने से बचें।

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