संक्रमितों की संख्या 30 लाख के करीब पहुंचने की सम्भावना हैं। बड़ी संख्या में केस बढंने के बाद देश में 76,000 आईसीयू बेड्स की जरूरत होगी।

भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण का मामला बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात के ताजा मामले डरानेवाले हैं | दिल्ली में संक्रमण की रफ़्तार सबसे तेज बताई जा रही है | पर इन सबों के बीच कई जगहों से अच्छी खबरें भी आई हैं जैसे गोवो और मणिपुर कोरोना से मुक्त घोषित कर दिया गया है |

लेकिन देश के चार बड़े संस्था के शोध में जो बाते सामने आई है वो बेहद ही डरावना है | कोरोना वायरस के मामले तेजी पकड़ने की आशंका जताई गई है। जवाहर लाल नेहरु सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च (JNCASR), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (बेंगलुरु), आईआईटी बॉम्बे और आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज पुणे के संयुक्त रिसर्च में यह अनुमान लगाया गया है कि देश में मई के मध्य तक बुरे हालात पैदा हो सकते हैं और संक्रमण से मरने वालों की संख्या मौजूदा 681 के आंकड़े से बढ़कई 38,220 तक पहुंच सकती है। वहीं, संक्रमितों की संख्या 30 लाख के करीब पहुंचने की सम्भावना हैं। बड़ी संख्या में केस बढंने के बाद देश में 76,000 आईसीयू बेड्स की जरूरत होगी।

अंग्रेजी अखबार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में JNCASR के एसोसिएट प्रोफेसर संतोष अंसुमली ने बताया, “मौजूदा डेटा के आधार पर इस मॉडल से वर्स्ट केस एस्टिमेट (सबसे बुरे हालात का अनुमान) निकाला गया है। मई 19 तक मृतकों का आंकड़ा 38 हजार के पास रहेगा। यह असल समय का डेटा आने के साथ बदल भी सकता है। हम मकसद इस रिसर्च के जरिए सिस्टम को अलर्ट करने और आईसीयू और दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। ”

इस रिसर्च में अनुमान लगाया गया है कि, 28 अप्रैल तक देश में मृतकों की संख्या 1012 तक पहुंच जाएगी। वहीं इसके अगले हफ्ते यानी 5 मई तक 3258 की जान जा सकती है। तीसरे हफ्ते (12 मई तक) 10,294 और चौथे हफ्ते (19 मई) तक मृतकों की संख्या 38,220 का आंकड़ा छू सकती है।

इसमें 3 मई से लॉकडाउन खुलने और उसके बाद की स्थितियों का भी अनुमान लगाया गया है। अंसुमाली के मुताबकि, लॉकडाउन खत्म होने के बाद मौतों के आंकडों में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन अगर लॉकडाउन जारी रहा, तो यह दर कुछ कम रहेगी। खास बात यह है कि इस मॉडल में संक्रमितों के आंकड़े के बजाय अब तक हुई मौतों के आंकड़े को आधार बनाया गया है।

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