डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 से लड़ने में सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की


केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में कोविड-19 पर उच्च स्तरीय मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 13वीं बैठक हुई। जीओएम के समक्ष कोविड-19 की प्रतिक्रिया और प्रबंधन के साथ ही देश में कोविड-19 की स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। जीओएम ने कोविड-19 से बचाव, नियंत्रण एवं प्रबंधन के लिए केंद्र एवं विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा आज की तिथि तक किए गए उपायों पर विस्तार से चर्चा की। जीओएम को सूचित किया गया कि सभी जिलों को कोविड-19 से लड़ने के लिए उनकी आकस्मिक योजनाओं का अनुसरण करने और उन्हें और सुदृढ़ बनाने को कहा गया है। जीओएम को आइसोलेशन बेडों/वार्ड, पीपीई, एन95 मास्क, दवाओं, वेंटिलेटरों, ऑक्सीजन सिलेंडरों आदि की पर्याप्तता के साथ-साथ समर्पित कोविड-19 अस्पतालों के राज्य वार विवरणों के बारे में जानकारी दी गई। जीओएम को सूचित किया गया कि जिन घरेलू विनिर्माताओं की पहले पहचान की गई थी, उन्होंने पीपीई, मास्कों, आदि का उत्पादन करना आरंभ कर दिया है और अब इनकी पर्याप्त मात्रा देश में उपलब्ध हैं। आज की तिथि में देश में प्रति दिन 1 लाख से अधिक पीपीई एवं एन95 मास्कों का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में देश में पीपीई के 104 घरेलू विनिर्माता हैं और तीन एन95 मास्क बना रहे हैं। इसके अतिरिक्त, घरेलू विनिर्माताओं के द्वारा वेंटिलेटरों का उत्पादन भी आरंभ हो गया है और नौ विनिर्माताओं के जरिये 59,000 से अधिक इकाइयों के लिए आर्डर दिए जा चुके हैं।जीओएम ने टेस्टिंग कार्यनीति एवं हॉटस्पॉटों एवं क्लस्टर प्रबंधन के लिए कार्यनीति के साथ साथ देश भर में टेस्टिंग किट्स की उपलब्धता की भी समीक्षा की। जीओएम को वर्तमान में कोविड-19 के लिए जांच कर रही सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं की संख्या और उन टेस्टों जिनका संचालन प्रति दिन प्रयोगशालाओं के इस नेटवर्क के जरिये किया जा रहा है, की संख्या के बारे में भी जानकारी दी गई।जीओएम ने विभिन्न अधिकार संपन्न समितियों को सुपुर्द विभिन्न कार्यों पर विचार किया। श्री अमिताभ कांत, डॉ. अरुण कुमार पांडा और श्री प्रदीप खारोला द्वारा प्रस्तुति दी गयी। जीओएम को बताया गया कि लगभग 92,000 एनजीओ, एसएचजी एवं सिविल सोसाइटी संगठन विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में कार्य कर रहे हैं और प्रवासी मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने के जरिये योगदान दे रहे हैं। इन एनजीओं को राज्यों द्वारा एसडीआरएफ फंड से धन मुहैया कराया जा रहा है और एफसीआई के द्वारा उन्हें सब्सिडी दरों पर खाद्यान उपलब्ध करा रहा है।  जीओएम को यह भी सूचित किया गया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, एनएसएस, एनवाईके, एनसीसी, चिकित्सकों, आदि का एक राष्ट्रीय स्तर का मेटा-डाटा तैयार किया गया है और अधिक आवश्यकता वाले स्थानों पर संसाधनों/स्वयंसेवकों (कोविड योद्धाओं) को जुटाने के लिए सभी राज्य, जिला एवं अन्य अधिकारियों के साथ उसे साझा किया जा रहा है। वर्तमान में डैशबोर्ड पर 1.24 करोड़ से अधिक मानव संसाधन के डाटा हैं और विशिष्टीकरण के अनुसार नए समूहों एवं उप समूहों को जोड़े जाने के जरिये इसका निरंतर अद्यतन किया जा रहा है। डैशबोर्ड में संबंधित राज्य एवं जिला नोडल अधिकारियों के संपर्क विवरणों के साथ साथ प्रत्येक समूह से उपलब्ध मानव संसाधनों की संख्या के बारे में राज्यवार एवं जिलावार सूचना निहित है। यह डैशबोर्ड https://covidwarriors.gov.in/default.aspx पर उपलब्ध है और  https://diksha.gov.in/igot पोर्टल से जुड़ा है और साथ ही क्षमता निर्माण प्रयोजन वाले पोर्टल से भी लिंक्ड है। इन कोविड योद्धाओं को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट एवं आईजीओटी प्रशिक्षण पोर्टल जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्लेटफॉर्म के 53 मॉड्यूल के साथ 14 कोर्स हैं जिसमें 113 वीडियो एवं 29 डॉक्यूमेंट शामिल हैं। अभी तक 10 लाख से अधिक कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।डॉ. हर्षवर्धन ने सभी स्तरों पर सभी हितधारकों के समर्पण एवं कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने सूचित किया कि रोगियों के साथ भेदभाव एवं कोविड-19 का मुकाबला करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के मुद्दों का समाधान करने की तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए महामारी रोग अधिनियम 1897 के संशोधन के लिए अध्यादेश को हाल ही में काफी सख्त प्रावधानों के साथ प्रख्यापित किया गया है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि, ‘यह केवल उनकी ही लड़ाई नहीं है बल्कि हमारा सामूहिक प्रयास है। वे हमारे अग्रिम पंक्ति के योद्धा हैं और एक राष्ट्र के रूप में हम न केवल उनके योगदान का सम्मान करें बल्कि यह सुनिश्चित करें कि उनकी हिफाजत और मर्यादा की भी रक्षा हो।’जीओएम को सूचित किया गया कि वर्तमान में मृत्यु दर लगभग 3.1 प्रतिशत है जबकि रिकवरी दर 20 प्रतिशत से अधिक है जोकि अधिकांश देशों की तुलना में बेहतर है और इसे क्लस्टर प्रबंधन और नियंत्रण रणनीति के साथ साथ देश में लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव के रूप में लिया जा सकता है। वर्तमान में देश में औसत डबलिंग रेट 9.1 दिन की है।जीओएम को यह भी सूचित किया गया कि अभी तक 20.66 प्रतिशत की रिकवरी दर से 5,062 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। कल से, 1429 नए मामलों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साथ ही, कुल 24,506 लोगों की कोविड-19 के लिए पोजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है।
इस बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्री श्री हरदीप एस पुरी, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, जहाजरानी और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे भी मौजूद थे। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस (सीडीएस) श्री बिपिन रावत, नीति आयोग के सीईओ एवं अधिकार संपन्न समूह-6 के अध्यक्ष श्री अमिताभ कांत,  सचिव (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन) तथा अधिकार संपन्न समूह-2 के अध्यक्ष श्री सी के मिश्रा, सचिव (एमएसएमई) और अधिकार संपन्न समूह-4 के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार पांडा तथा अधिकार संपन्न समूह-3 के अध्यक्ष श्री पी डी वघेला भी उपस्थित थे।

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