Dr. Tarun Kumar, DM (Cardiology) FESC, FSCAI Senior Interventional Cardiologist and Educator, Dr. Ram Manohar Lohiya Hospital (Delhi)

दिल्ली स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ तरुण कुमार इस बार मेडलार्ज के ‘आपका डॉक्टर’ कॉलम के हमारे अतिथि हैं .

दिल्ली स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ तरुण कुमार इस बार मेडलार्ज के ‘आपका डॉक्टर’ कॉलम के हमारे अतिथि हैं | इस महामारी के दौर में हृदयरोगी किस तरह से अपना बचाव कर सकते हैं | उन लोगों को किस तरह की सावधानी बरतने की जरुरत है, पेश है इस पर हुई उनसे विशेष बातचीत | 

1. हार्ट पेशेंट को कोरोना वायरस से कितना खतरा है और किस तरह की सावधानियां बरतने की जरुरत है ?

हार्ट के पेशेंट या बीपी के पेशेंट या फिर आस्थमा, इन लोगों को अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा सावधानियां बरतने की जरुरत है | अगर इस तरह के बीमारी से ग्रसित लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो इनमे डेथ रिस्क ज्यादा बढ़ जाता है | इसलिए जरुरी है इन लोगों को बाहर से ज्यादा एक्सपोज़र नही हो और बाहर जाने से बचें | इनकी उम्र भी अमूनन ज्यादा होती है और हमने देखा है कि ज्यादा उम्र वाले लोगों में कोरोना का प्रभाव ज्यादा होता है और डेथ रिस्क भी काफी हो जाता है | इसलिए इन लोगों को जितना हो सके एक्सटर्नल एक्सपोज़र से बचने की जरुरत है |

2. हार्ट के पेशेंट्स जो दवाई लेते हैं उससे भी कोरोना के इन्फेक्शन पर किसी प्रकार से कोई प्रभाव पड़ता है?

 सामान्यतः हार्ट पेशेंट्स या BP के पेशेंट्स जो दवाई लेते हैं जैसे कि ACE inhibitors, ARB BLOCKERS आदि ये सब वही रिसेप्टर है जिसे कोरोना वायरस ज्यादा प्रभावित करता है | इस तरह के रिसेप्टर से कोरोना वायरस शारीर में प्रवेश कर सकता है | उस रिसेप्टर के जरिये वायरस आने की सम्भावना होती है | इस तरह के रिसेप्टर कई जगह होते हैं जैसे लंग्स में, हार्ट या फिर अन्य टिश्यू में | इसलिए इन लोगों में रिसेप्टर के जरिये कोरोना वायरस अटैक की सम्भावना बढ़ जाती है जो घातक रूप से अटैक की सम्भावना बढ़ जाती है | वैसे तो किसी भी संस्था के द्वारा BP या हार्ट की दवाई बंद और बदलने की सलाह नही दी गई है |

3. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) की चर्चा अभी जोरों पर है की इसका इस्तेमाल कर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है? क्या हार्ट के पेशेंट भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं?

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन हार्ट-रिदम-अब्नोर्मलिटी (Heart-Rythm-Abnormality) करती है जिससे हार्ट बीट बढ़ सकता है और हार्ट में ब्लाक आ सकता है | ये QT को भी बढ़ा देता है जिससे डेथ रिस्क बढ़ जाता है | ऐसे में हार्ट की दवाई और ये सब साथ लेने से हार्ट रेट बढ़ जाता है और तुरंत मौत भी हो सकती है | वैसे हृदय रोगी भी एचसीक्यू (हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन) का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन उनकी baseline ECG एवं QT interval को लगातार निगरानी करने की जरुरत होती है |

4. हाइपर टेंशन वाले को क्या एतिहाद बरतने की जरूरत है?

हाइपर टेंशन वाले लोग को खास तौर पर ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है | अगर आप एक साथ BP और हार्ट की दवाई ले रहे हैं और कोरोना के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं फिर खास तौर पर सावधानी बरतें | वैसे Diuretics , Sotalol और antiartythmic तरह की ड्रग के साथ HCQ लेने से बचे क्योकि इससे QT अन्तराल बढ़ने की संभावना हो जाता है |

5. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन क्या इन्फेक्शन को प्रिवेंट करती है? आम लोग भी इसका उपयोग कर सकते हैं?

देखिये इसको अगर आप रेगुलर लेते हो तो कोरोना के इन्फेक्शन की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है | एक दो ट्रायल में देखा गया है की माइल्ड यानि की हलके इन्फेक्शन में इसका फायदा हुआ है | कुछ ट्रायल पॉजिटिव आये हैं और तो कुछ नेगेटिव भी आये हैं | वैसे भी हमारे पास तो ज्यादा कोई विकल्प है नही कोरोना इन्फेक्शन को रोकने के लिए, तो ऐसे एक यही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का ही विकल्प है जिससे कुछ हद तक कोरोना को प्रिवेंट भी करती है और ट्रीटमेंट में भी इसका उपयोग हो सकता है|

Dr. Tarun Kumar, DM (Cardiology) FESC, FSCAI
Senior Interventional Cardiologist and Educator, Dr. Ram Manohar Lohiya Hospital (Delhi)
Over fifty national and international publications are to his credit in reputed journals.

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