कोरोना से हो रही मौतों को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली के अस्पतालों द्वारा जारी आंकड़ों में अंतर पर लगातार चर्चा जारी है और सवाल भी उठ रहे हैं.
कोरोना से हो रही मौतों को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली के अस्पतालों द्वारा जारी आंकड़ों में अंतर पर लगातार चर्चा जारी है और सवाल भी उठ रहे हैं. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी इसे लेकर बीते कुछ दिनों से केजरीवाल सरकार पर हमलावर हैं. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और मुख्यमंत्री केजरीवाल भी सफाई दे चुके हैं और अब सरकार ने इस मामले में अस्पतालों को आदेश जारी किया है.
कोरोना का इलाज कर रहे दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को जारी किए गए इस आदेश में कहा गया है कि अस्पतालों की तरफ से सरकार द्वारा बनाई गई डेथ ऑडिट कमेटी को कोरोना से हुई मौत की सूचना सही समय पर और सही तरीके से नहीं मिल रही है. अब कहा गया है कि सभी ऐसे अस्पताल नोडल ऑफिसर नियुक्त करें और ये ऑफिसर सुनिश्चित करें कि अस्पताल में कोरोना से हुई मौत की सूचना और डेथ समरी 5 बजे तक आईडीएसपी सेल तक पहुंच जाए.
यह सेल मौत से जुड़ा यह पूरा डिटेल डेथ ऑडिट कमेटी को देगा. यह कमेटी हर दिन शाम 5:30 बजे बैठक करेगी, जिसमें उन रिपोर्टर्स और डेथ समरी की समीक्षा की जाएगी. अगर अस्पताल की तरफ से शाम 5 बजे तक डेथ समरी नहीं आती है, तो सम्बंधित नोडल ऑफिसर स्टेट सर्विलांस टीम को सूचित करेंगे. इसके बाद सर्विलांस टीम उस अस्पताल के एमएस या एमडी से बात करेगी और रिमांडर मेल भी भेजेगी.
इस पूरे मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव को जिम्मेदारी दी गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अधिकारी और अस्पताल इस आदेश का सख्ती से पालन करें. इस आदेश में कहा गया है कि अगर 5 बजे शाम तक भी किसी अस्पताल की तरफ से डेथ समरी नहीं आती है, तो अगली सुबह 11 बजे तक स्वास्थ्य विभाग के सचिव को सम्बंधित अस्पताल के एमएस या एमडी लिखित स्पष्टीकरण भेजें.
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