पीएम ने ‘दो गज दूरी’ का मंत्र दोहरता हुए कहा कि इस लड़ाई में सोशल डिस्टैंसिंग ही सबसे कारगर हथियार है।

आज सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के समीक्षा मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर दे कर कहा की गांवों  को करोना संकट से दूर रखने की जरुरत है |

पीएम ने ‘दो गज दूरी’ का मंत्र दोहरता हुए कहा कि इस लड़ाई में सोशल डिस्टैंसिंग ही सबसे कारगर हथियार है। प्रधानंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना संकट से निपटने के लिए भारत के उठाए कदमों की तारीफ कर रहा है, इसके लिए सभी राज्यों के प्रयास सराहनीय हैं।

कई राज्यों के मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान केन्द्र से ज्यादा अधिकार की मांग की | मुख्मंत्रियों का कहना था की ग्राउंड पर करोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी उन्हें ज्यादा है इसीलिए उन्हें ज्यादा अधिकार दिए जाने चाहिए |  


प्रधानमंत्री ने क्या-क्या कहा
बहरहाल, प्रधानमंत्री ने 27 अप्रैल के बाद मुख्यमंत्रियों के साथ पहली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिन बातों पर जोर दिया, वो इस प्रकार हैं…

1. दुनिया ने कोविड-19 महामारी से निपटने के भारत के तौर-तरीकों का लोहा माना है। भारत सरकार इस संबंध में सभी राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना करती है। हमें आगे भी इसी जोश के साथ आगे बढ़ते रहना है।

2. अब हमें साफ पता चल चुका है कि देश के किन-किन इलाकों में कोरोना का खतरा ज्यादा है और अभी कौन से इलाके बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। पिछले कुछ हफ्तों में जिला स्तर के अधिकारियों को भी पता चल चुका है कि ऐसे वक्त में कौन-कौन से कदम उठाने चाहिए। कैबिनेट सेक्रटरी ने सोमवार को भी राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों को ताजा हालात के साथ-साथ भारत सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया था।

3. देश के कई हिस्सों में धीरे-धीरे ही सही, लेकिन आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ने लगी हैं। आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया और तेज होगी।

4. हमें पक्का यकीन करना चाहिए कि अब कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और ज्यादा केंद्रित करना होगा।

5. हमें आगे बढ़ते हुए अपना ध्यान संक्रमण रोकने और यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित करना होगा कि लोग सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने समेत अन्य सावधानियां बरत रहे हैं। इसके लिए हमें ‘दो गज दूरी’ का महत्व बहुत बढ़ जाता है, इसलिए हमें इसे सुनिश्चित करना ही पड़ेगा।

6. हमें पूरी तरह सुनिश्चित करना होगा कि ग्रामीण भारत इस संकट से मुक्त रहे।

7. कुछ भी निष्कर्ष निकालने से पहले हमने सभी मुख्यमंत्रियों को बोलने का आमंत्रण दिया।

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