इसमें से 2000 करोड़ केवल वेंटिलेटर खरीदने पर खर्च होंगे. इससे स्वदेश निर्मित 50 हजार वेंटिलेटर खरीदे जाएंगे.

कोरोना महामारी की शुरुआत में 27 मार्च को पीएम केयर्स के नाम से एक ट्रस्ट बनाया गया था. कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए पीएम केयर्स में दान देने की अपील की गई थी और अब भी यह अपील जारी है. इस पीएम केयर्स का पैसा अब कोरोना के खिलाफ लड़ाई में खर्च के लिए इस्तेमाल होने जा रहा है. पीएम केयर्स के 3100 करोड़ रुपए कोरोना के लिए आवंटित किए गए हैं.

इसमें से 2000 करोड़ केवल वेंटिलेटर खरीदने पर खर्च होंगे. इससे स्वदेश निर्मित 50 हजार वेंटिलेटर खरीदे जाएंगे. ये सभी वेंटिलेटर कोरोना का इलाज कर रहे देशभर के सरकारी अस्पतालों को दिए जाएंगे. इसके अलावा, 1000 करोड़ प्रवासी मजदूरों की भलाई में लगाए जाएंगे. ये 1000 करोड़ रुपए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वेटेज के आधार पर बंटेंगे. 50 फीसदी वेटेज का आधार 2011 की जनगणना के आधार पर वहां की जनसंख्या होगी, 40 फीसदी वेटेज वहां कोरोना संक्रमितों की संख्या को दिया जाएगा और 10 फीसदी की समान हिस्सेदारी होगी.

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तरफ से यह फंड डीएम और म्युनिसिपल कमिश्नर को भेजा जाएगा और वे अपने हिसाब से स्थानीय स्तर पर मजदूरों की जरूरत को देखते हुए उनकी बेहतरी के लिए खर्च करेंगे. केंद्र सरकार कोरोना का वैक्सीन बनाने की दिशा में भी लगातार प्रयासरत है. कई विशेषज्ञ, स्टार्टअप्स और उद्योग मिलकर कोरोना का वैक्सीन बनानर के लिए काम कर रहे हैं, ऐसे प्रयासों को बल देने के लिए पीएम केयर्स के 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार की देखरेख में यह पैसा खर्च होगा.

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