दिल्ली में कोरोना का इलाज कर रहा सबसे बड़ा अस्पताल है, लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल.
जिन डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ्स को होटल में रखने की खबर को लेकर दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने खूब पीठ थपथपाई थी, उन्हीं डॉक्टर्स को आज होटल से बाहर करने का आदेश जारी कर दिया गया. हालांकि विरोध के बाद फिर उस आदेश को 7 दिनों के लिए वापस ले लिया गया. लेकिन 7 दिन बाद इन डॉक्टर्स को होटल खाली करना होगा.
दिल्ली में कोरोना का इलाज कर रहा सबसे बड़ा अस्पताल है, लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल. इस अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बीती रात एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया था कि अस्पताल के वे सभी स्टाफ जो होटल या धर्मशाला में क्वारन्टीन हैं, वे 21 मई को दोपहर 12 बजे तक जगह खाली दें. उसके बाद अगर वे वहां रहते हैं, तो उन्हें खुद भुगतान करना होगा, अस्पताल खर्च नहीं उठाएगा.
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने फैसला किया था कि जो भी डॉक्टर, नर्स या अन्य पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना के इलाज में लगे हैं, वे 14 दिन लगातार काम करेंगे, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की छुट्टी मिलेगी, यह क्वारन्टीन पीरियड होगा. इन मेडिकल स्टाफ्स को कोई परेशानी न हो, इसके लिए दिल्ली सरकार ने इन्हें दिल्ली के बड़े होटलों और धर्मशालाओं में ठहराने का फैसला किया था. इसका सारा खर्चा अस्पताल उठा रहा है. लेकिन बीती रात आए एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर के आदेश के बाद इसपर सवाल उठने लगे.
मौलाना आजाद मेडिकल अस्पताल और उससे एसोसिएट अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और विरोध की आवाज लेकर एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर तक पहुंचे. इस मुलाकात के बाद अस्पताल प्रशासन ने इस आदेश को 7 दिनों के लिए टाल दिया. अब होटल या धर्मशाला में क्वारन्टीन एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल स्टाफ्स अगले एक हफ्ते तक वहां रह सकेंगे.
इससे पहले, मेडिकल डायरेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइंस का हवाला दिया गया था. 15 मई की यह गाइडलाइन कहती है कि केवल हाई रिस्क कॉन्टेक्ट्स वाले ऐसे हेल्थ केयर वर्कर ही कवरन्टीन होंगे, जिन्होंने बिना प्रॉपर पीपीएई के कोरोना मरीजों को संभाला हो या जिनमे लक्षण दिखाई दें. केंद्र की इस गाइडलाइन को आधार बनाकर दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने आदेश जारी कर दिया, जिसे एलएनजेपी के एमडी ने फॉलो किया.
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