दरअसल प्रथम चरण का मुख्य उद्देश्य किसी भी वैक्सीन का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव के अध्यन के लिए होता है
कैनसिनो बिओलॉजिक्स के शोधकर्ताओं ने शुक्रवार को लांसेट मेडिकल जर्नल को दिए गए रिपोर्ट में बतया की फर्स्ट स्टेज ह्यूमन ट्रायल से मिले नतीजों में यह देखा गया है की वैक्सीन से मानवीय सरीर में न्यूट्रैलिजिंग एंटीबाडीज और टी सेल्स बन रहें हैं, इसी के साथ तैयार की गई वैक्सीन को प्रथम चरण में सफल माना जा रहा है| दरअसल प्रथम चरण का मुख्य उद्देश्य किसी भी वैक्सीन का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव के अध्यन के लिए होता है वंही रायटर्स में छपी खबर के मुताबिक इस वैक्सीन के ट्रायल में पाया गया की इसका शारीरिक तौर पर महज हल्का बुखार आना ही एक मात्र नकारात्मक असर है |
मिली जानकारी के मुताबिक वैक्सीन दिए गए 108 वयस्कों के सैंपल में से पाया गया की उनमें एक प्रकार का न्यूट्रैलिजिंग एंटीबाडी (निष्क्रिय करने वाले सेल्स ) और अल्फा टी सेल्स बन रहे हैं जो एक अच्छी खबर है| बीजिंग इंस्टीटूट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी के शोधकर्ता वेई चैन ने बताया की इस प्रकार के एंटीबॉडी का मिलना एक बड़ी उपलब्धि है | उसने यह भी बताया की इस बात का ख्याल रखना होगा की केवल इम्यून सिस्टम को ट्रिगर कर एंटीबाडी बनाना यह दावा नहीं कर सकता की यह वैक्सीन इंसानी शरीर को covid -19 से बचाने में कामयाब रहेग।
वैसे पूरी तरह से उपलब्धि हासिल कर वैक्सीन बनाने के सिखर पर पहुंचना एक दूर का लक्ष्य जरूर है पर अतिरिक्त शोध और नतीजे से इसे कामयाबी तक पहुँचाया जा सकता है, बहरहाल आम लोगों तक वैक्सीन को पहुंचने में और सब के लिए उपलबध करने में अभी वक़्त लग सकता है|
हालांकि शोध अभी जारी है और सफलता मिलने के संभावना भी बरकार है |
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