मौत के आंकड़ो की बात करे तो दुनिया मे जहा कोरोना से मौत की दर 6.3% है वही भारत मे यह 2.82% है।

देश भर में कोरोना के मामले 2 लाख का आकड़ा पार कर चूका हैं और भारत दुनिया भर में बढ़ते मामलों के साथ सातवे पायदान पर खड़ा है जहाँ से इसे और ऊपर छलांग लगाने की उम्मीद है।

बढ़ते मामलों से बढ़ता डर, बढ़ती सामाजिक दूरी और बढ़ता तनाव लोगों में घर कर चुका है लेकिन ऐसा नहीं कि सबकुछ धुंधला धुंधला हो। भारत मे अन्य देशों के मुक़ाबले आंकड़ो के लेंस से देखे तो हालात बेहतर ही कहा जा सकता हैं। सबसे पहले हालात कोरोना के मामलों के डबलिंग रेट की जो 10 दिन से बढकर अब 15 दिन तक जा पहुची है।

वही मौत के आंकड़ो की बात करे तो दुनिया मे जहा कोरोना से मौत की दर 6.3% है वही भारत मे यह 2.82% है। मिड अप्रैल में कोरोना से भारत मे मरने वालों की दर 3.30% थी जो अब घटकर 2.82% पर आ पहुची है। वही तुलनात्मक रूप में अगर दुनिया के बाकी देशों पर नजर डाले तो सर्वाधिक 19.4% लोग फ्रांस में कोरोना संक्रमण से मौत के शिकार हुये , जबकि बेल्जियम में 16.2%, इटली में 14.3% ,यूके में 14%,नीदरलैंड में 12.8%, स्पेन में 12.1%,मैक्सिको में 11.2%,कनाडा में 7.8% और यूएस में मरने वालों का प्रतिशत 5.9 है।

भारत मे रिकवरी रेट भी बढ़ा है जो अब 48.07% तक जा पहुचा है। लेकिन कोविड संक्रमण से सर्वाधिक ख़तरे में वे लोग है जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है या फिर वे लोग जो लाइफ स्टाइल डिजीज ,डायबिटीज , ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, किडनी ,लीवर से जुड़ी बीमारियों से ग्रसित है।आंकड़े बतलाते हैं कि अब तक हुई मौतों में 73% वैसे लोग है जो किसी न किसी बीमारी से पहले से प्रभावित रहे हैं।

लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में देश भले ही सातवें नंबर पर है, लेकिन अन्य देशों की आबादी की तुलना में भारत की आबादी बहुत ज्यादा है। यह विश्‍लेषण संदेहास्‍पद तुलना पेश करता है। इसकी तुलना हमारी आबादी के हिसाब से होनी चाहिए। हम बाकी देशों से बहुत ठीक स्थिति में हैं। हमारे देश में काफी स्थिरता है। आज के डेटा के मुताबिक 14 देश जो हमारे देश की आबादी से मिलते जुलते हैं, वहां लगभग 22 प्रतिशत ज्यादा केस सामने आए हैं और 55 प्रतिशत ज्यादा मौतें हुई हैं। 

इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार यह सलाह दे रहा है कि किसी भी तरह की बीमारी से  प्रभावित लोग अपनी उचित देखभाल करें। सभी आयु वर्ग के लोग अपनी इम्युनिटी बढ़ाये और साथ ही अपनी लाइफस्टाइल में योग, प्रणायाम, व्यायाम और उचित खान पान पर ध्यान दें।

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