बिना किसी संस्था के नाम लिए चिट्ठी में बताया गया है कि सिर्फ एक संस्थान की सलाह पर फैसला गलत था और कहा गया है कि भारत में कम्युनिटी संक्रमण की स्थिति आ चूका है |

नई दिल्ली: देश अब लॉकडाउन से निकल कर अनलॉक के पहले फेज में आ चूका है | हालाकिं संक्रमण का रफ़्तार घटने के जगह बढ़ ही रहा है | देश भर में कोरोना के मामले 2 लाख का आंखडा पार कर चूका हैं और भारत अब दुनिया भर में बढ़ते मामलों के साथ सातवे पायदान पर खड़ा है |

पिछले दिनों लॉकडाउन से अनलॉक की तरफ बढ़ते देश एवं कोरोना संक्रमण रोकने के रणनीति पर देश भर के महामारी विशेषज्ञों ने प्रधान मंत्री मोदी को एक चिट्ठी लिख कर बताया है कि लॉकडाउन में गलत रणनीतियां अपनाई गयी |

बिना किसी संस्था के नाम लिए चिट्ठी में बताया गया है कि सिर्फ एक संस्थान की सलाह पर फैसला गलत था और कहा गया है कि भारत में कम्युनिटी संक्रमण की स्थिति आ चूका है |

देश के मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी तीन नामी संस्थाओं ने पत्र लिखकर कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए अपनाए गए केंद्र के तौर-तरीकों की आलोचना की है | कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बने नेशनल टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने भी पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को कहा है कि भारत के कई जोन में अब कोरोना का सामुदायिक संक्रमण हो रहा है, इसलिए ये मानना गलत होगा कि मौजूदा हाल में कोरोना पर काबू कर पाना संभव होगा |

प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने वालों में स्वास्थ्य मंत्रालय के पूर्व सलाहकार, एम्स, बीएचयू, जेएनयू के पूर्व और मौजूदा प्रोफेसर शामिल हैं | इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में डॉ डीसीएस रेड्डी भी शामिल हैं. डॉ रेड्डी कोरोना पर अध्ययन के लिए गठित कमेटी के प्रमुख हैं |

इस पात्र में लॉकडाउन को गलत बताया गया है और कहा है कि लॉकडाउन की कठोर सख्ती, नीतियों में समन्वय की कमी की कीमत अब भारत को चुकानी पड़ रही है. पत्र में लिखा गया है, “ये सोचना कि इस स्तर पर कोरोना वायरस पर काबू पा लिया जा सकेगा हकीकत से परे होगा, क्योंकि भारत के कई कलस्टर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन पूरी तरह से होने लगा है.”

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