मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में टेस्ट तीन गुना बढ़ा दिया गया है जिससे संक्रमण के ज्यादे मामले आ रहे है

राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण लगातार भयावह होता जा रहा है | दिल्ली में अभी तक कोरोना के 77 हज़ार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं | बीते 24 घण्टे में ही दिल्ली में संक्रमण के 3460 नए मामले सामने आए हैं और टोटल कोरोना संक्रमण की संख्या 77,240 हो गया है |

इस बीच मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में टेस्ट तीन गुना बढ़ा दिया गया है जिससे संक्रमण के ज्यादे मामले आ रहे है |

हलाकि, दिल्ली पहले चार से पांच हजार टेस्ट करता था | पर अगर बीते 24 घंटे की बात करें तो 21,114 सैम्पल टेस्ट हुए हैं | इस बढ़ोतरी के साथ ही दिल्ली में अब तक हुए सैम्पल टेस्ट का आंकड़ा 4,59,156 हो चुका है | टेस्ट के संख्या में ये बदलाव गृहमंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप से हुआ है | जिससे दिल्ली में बेकाबू हो चुके कोरोना के अनुपात में उसी हिसाब से टेस्ट की संख्या बढाई गयी | दिल्ली के अस्पतालों में जा कर गृह मंत्री ने खुद दौरा कर वहां की व्यवस्था का जायजा लिया |

गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने लगातार कई दिनों साझा मीटिंग कर दिल्ली में बेकाबू हो चुके कोरोना को नियंत्रण करने के साझा रणनीति बनाई | जिसमे हॉस्पिटल को अपडेट, बढते मरीजों के हिसाब से कोरोना बेड की व्यवस्था और अन्य कई नीतियाँ शामिल थे |

दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए भी कोरोना टेस्ट की कीमत फिक्स किया गया |

लेकिन कई मुद्दों जैसे बाहरी का इलाज आदि पर दिल्ली सरकार और राज्यपाल आमने सामने आ गये | फ़िलहाल  दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कोरोना मरीजों को कोविड सेंटर भेजे जाने को लेकर आमने सामने आ गये थे | पहले कहा गया था कि दिल्ली में सभी कोविड-19 मरीजों को सरकारी केन्द्र में आना पड़ेगा और सरकार के नजर में रख कर उनका टेस्ट किया जायेगा और उसी केंद्र में क्वारंटाइन होना पड़ेगा |

लेकिन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे कोविड-19 मरीजों को सरकारी केन्द्र आने की अनिवार्यता खत्म करने की अपील की थी। उसके बाद दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक में हुआ फैसला की  अब दिल्ली में कोई कोरोना पॉजिटिव होगा तो उसको कोविड केअर सेंटर जा कर अपनी जांच नहीं करानी होगी | अब फिर दिल्ली में पुराने नियम के तहत सरकारी लोग घर आकर क्लीनिकल एसेसमेंट और फिजिकल एसेसमेंट करके पता लगायेंगे कि मरीज होम आइसोलेशन में रहेंगे या क्वारंटाइन सेंटर जायेंगे |

इस बीच दिल्ली ने तो लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीज के लिए तो बेड की व्यवस्था कर रही है लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सकों, नर्सों और अन्य पैरामेडिकल कर्मियों की कमी की शिकायतें आणि शुरू हो गयी है | 

दिल्ली में निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों को ले कर कहना है कि यह कमी इसलिए है क्योंकि कोरोना वायरस संबंधी जटिलताओं के इलाज के लिए विशेषज्ञों का अभाव है | इसके अलावे बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर भी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं जिसके बाद उन्हें क्वारंटाइन में जाना पड़ा है | कई डॉक्टर ने संक्रमण की डर से नौकरियां छोड़ दीं |

बताया जा रहा है कि आने जाने के साधन के कमी के चलते भी दिल्ली में लगभग 40 से 50 प्रतिशत नर्सो काम पर नही आ रहे हैं | दिल्ली सरकार के द्वारा बैंक्वेट हॉल और होटलों को कोविड-19 इकाइयों में बदल तो गया है पर इन अस्पतालों के प्रबंधन आंतरिक समस्याओं और डॉक्टर की कमी से जूझ रहे है |

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