CK Birla Hospital

4 अगस्त को दिल्ली सरकार द्वारा हेल्थ बुलेटिन जारी होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट किया. ट्वीट में दो आंकड़ों के जरिए दिल्ली में कोरोना की बेहतर हो रही स्थिति का बखान था और फिर मुख्यमंत्री ने दिल्ली वालों और गर्व की बात कही थी. हालांकि इसमें अभी भी कोरोना को कम न आंकने की नसीहत थी, लेकिन ज़ोर इस बात पर था कि अब दिल्ली मॉडल की तारीफ हर जगह हो रही है.

’14वें स्थान पर दिल्ली’

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा था कि ‘दिल्ली में आज कोरोना के सक्रिय मरीज 10 हज़ार से कम रह गए हैं और दिल्ली सक्रिय मरीजों की तुलना में देशभर 14वें स्थान पर पहुंच चुकी है. आज कोरोना के कारण मरने वालों का आंकड़ा कम होकर 12 पर आ गया है.’ केजरीवाल ने आगे लिखा था कि ‘आप दिल्ली वालों पर मुझे गर्व है, आपके दिल्ली मॉडल की चर्चा हर जगह हो रही है. लेकिन हमें निश्चिंत नहीं होना चाहिए, अभी भी सावधान रहने की जरूरत है.’

2.9 फीसदी मौत की दर

मुख्यमंत्री ने जिस मौत के मामलों के कम होने की बात कही है, उसकी दर बीते कुछ दिनों से करीब 3 फीसदी रही है, जो आज मुख्यमंत्री के अनुसार, कम हुई है, तो भी 2.9 फीसदी है. दिल्ली सरकार बीते कुछ दिनों में मौत के मामलों को कम करने के तमाम उपायों का ऐलान कर चुकी है. इसे लेकर चार कमेटी भी बनाई गई है, लेकिन इसका कुछ खासा असर होता दिख नहीं रहा. वहीं, सैम्पल टेस्ट में भी बीते कुछ दिनों में अप्रत्याशित रूप से कमी दिख रही है.

24 घण्टे में मात्र 9295 टेस्ट

दिल्ली में कोरोना की गम्भीरता के मद्देनजर 15 जून को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक में फैसला हुआ था कि 20 जून से हर दिन 18 हज़ार टेस्ट होंगे. आगामी दिनों में दिल्ली में यह आंकड़ा 20-22 हजार के पार भी हुआ, इसे लेकर दिल्ली सरकार और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने अपनी वाहवाही भी की, लेकिन आज की बात करें, तो बीते 24 घण्टे में पूरी दिल्ली में मात्र 9295 सैम्पल टेस्ट हुए हैं और ऐसा सिर्फ आज ही नहीं हुआ.

कम होते आंकड़ों का सच

दिल्ली सरकार अपनी तारीफ लगातार कम होते आंकड़ों को लेकर भी कर रही है. बीते तीन दिनों में ही देखें, तो क्रमशः 24 घण्टे के दौरान 961, 805 और 647 मामले सामने आए हैं. लेकिन इसके पीछे का कारण यह है कि इन दिनों में काफी कम टेस्ट किए गए हैं. इस दौरान क्रमशः 12,730, 10,133 और 9295 टेस्ट हुए हैं. इन टेस्ट्स में लगातार कम होते आरटीपीसीआर टेस्ट और बढ़ते एंटीजन के आंकड़ों को लेकर भी लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं.

ज्यादा एंटीजन टेस्ट पर सवाल

चूंकि एंटीजन टेस्ट की विश्वसनीयता संदिग्ध है और इसे लेकर दिल्ली हाई कोर्ट तक टिप्पणी कर चुका है, लेकिन उसका असर होता नहीं दिख रहा.  कम होते टेस्ट और इसके कारण कम होती संक्रमितों की संख्या से इतर, संक्रमण की दर में फिर से लगातार बढ़ोतरी होने लगी है. यह सच है कि जून के महीने में एक समय दिल्ली में संक्रमण की दर करीब 30 फीसदी तक पहुंच गई थी और यह 27 जुलाई को कम होकर 5.32 फीसदी पर आ गई.

श्रेय की होड़ भी मची

हालांकि इसे लेकर भी खूब श्रेय की होड़ मची. आप आदमी पार्टी ने इसे केजरीवाल का कारनामा बताया तो भाजपा ने गृह मंत्री के नेतृत्व को इसका कारण बताया. लेकिन वर्तमान में चिंता की बात यह है कि दिल्ली में कोरोना के संक्रमण दर में फिर से बढ़ोतरी होने लगी है. वर्तमान में दिल्ली में कोरोना के संक्रमण की दर बढ़कर 7.25 फीसदी पर पहुंच चुकी है. 2 अगस्त को यह दर 7.55 फीसदी पर पहुंच गई थी. कुल आंकड़े की बात करें तो दिल्ली में कोरोना संक्रमण 1,39,156 लोगों तक पहुंच चुका है. वहीं 4033 लोगों को अब तक इसके कारण जान गंवानी पड़ी है.

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