जानिए COVISHIELD के बारे में कि कैसे इस पर 12000 करोड़ रूपये का दांव है.
पुरे देश में 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ टीकाकरण का महाअभियान शुरू होने वाला है. दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन प्रोग्राम में Covishield और Covaxine शामिल किये गए हैं. इसके लिए देेेश के अलग -अलग राज्यों में दोनों वैक्सीन पहुँचा दिए गए हैं “मेक इन इंडिया” के तहत निर्मित पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में बना कोविशिल्ड वैक्सीन देेशभर में 13 जगहों पर पहुँच गया है तो वहीं,दूसरे राज्यों में भारत बॉयोटेक की वैक्सीन भी पहुंचाई जा रही है.
लेकिन अगर इस वैक्सीन को लगाने का काम युध्दस्तर पर नहीं चला तो तकरीब 12,000 करोड़ रुपये बेकार में बर्बाद हो जाएंगे।
जानिए COVISHIELD के बारे में कि कैसे इस पर 12000 करोड़ रूपये का दांव है.
1-कोविशिल्ड रीकॉम्बिनेंट वैक्सीन है यानी ये कोरोना वायरस #COVID 19 से लड़ने के लिए शरीर में एन्टी बॉडीज का निर्माण करता है।
2-इसके एक डोज में 0.5 ml adeno virus particles(Expressing COVID-19 spike Protein) 5×10,000,000,000 वायरस particles हैं।वैसे एक वाइल में 10 डोजेज होते हैं।
3 ये वैक्सीन इंट्रामस्कुलर (IM) इंजेक्शन होती है यानी जब आप अस्पतालों में लगााने जाएंगे तो आपके मांसपेेेशियों में इसकी सुुई लगाई जाएगी।
4- फिलहाल इसे 2 डिग्री से 8 डिग्री के तापमान पर रखा जाएगा। इसे ना तो फ्रोजेन करने की ज़रूरत है और ना ही हिलाने की ज़रूरत।
5- ये डॉक्टर या फिजिशियन के सलाह पर ही लगाना चाहिए। मतलब, आप खुद खरीदना चाहेंगे तो भी बाद में भी वैक्सीन नहीं मिलेगी, जबतक, कोई डॉक्टर पर्ची पर ना लिखें।
6- COVISHIELD वैक्सीन की सबसे बड़ी बात ये है कि ये वैक्सीन 1 जनवरी 2020 को बनकर तैयार हो गई है और इसकी एक्सपायरी डेट 29अप्रैल 2021तक है यानी दुद्धस्तर पर 6 महीने के अंदर देशवासियों को नहीं लगा तो ये बेकार हो जाएगी।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बनाई गई COVISHIELD वैक्सीन को लगाने का काम “युध्दस्तर” पर नहीं चला तो तकरीब 12,000 करोड़ रुपये बेकार में बर्बाद हो जाएंगे। कोविशिल्ड वैक्सीन की लाइफ सिर्फ 6 महीने तक ही है.
दरअसल ,मोदी सरकार ने कुल 1.65 करोड़ वैक्सीन डोज़ खरीदी है जिनमें से 1.1 करोड़ यानी दो तिहाई COVISHIELD की है तो वहीं 55 लाख वैक्सीन #COVAXIN की है. कोविशिल्ड वैक्सीन के हर डोज़ की कीमत 200 रुपये और कोवैक्सिन के हर डोज़ का रेट 295 रुपए हैं. पहले 3 करोड़ लोगों को ये वैक्सीन लगाई जाएगी. जिनमें से पहले फेज में 1 करोड़ कोरोना वॉरियर्स और दूसरे फेज में 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को मुफ्त में दिया जाएगा. राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है कि कोई भी नेता व जनप्रतिनिधि इस टीके को ना लगाएं मतलब ये राजनीतिज्ञों, सांसदों, विधायकों इत्यादि जनप्रतिनिधियों के लिए नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि ये दोनों वैक्सीन को सुरक्षित है और लोगों को डरने की ज़रूरत नहीं है ,इसके बहुत कम साइड इफ़ेक्टस है जो दूसरी बीमारियों की वैक्सीन में देखने को मिलता है जो नहीं के बराबर होते हैं.
वरिष्ठ स्वास्थ्य पत्रकार मनोहर केसरी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
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