यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ स्वांस रोग, फेफड़ा रोग एवं कोरोना रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्जुन खन्ना का कहना है कि जिनके शरीर में एंटीबॉडी बन गई है, उनके शरीर में भी यह 3 से 7 महीने तक ही रह सकती है. उसके बाद एंटीबॉडी नष्ट हो जाती हैं. डॉ. अर्जुन खन्ना की यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हालिया सीरो सर्वे की रिपोर्ट में हर्ड इम्युनिटी का संकेत मिलने के बाद कई लोगों लोग कोरोना के प्रति लापरवाह और निश्चिंत दिखने लगे हैं.

लेकिन डॉक्टर्स और विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के टीकाकरण और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किए गए सीरो सर्वे में आए हर्ड इम्यूनिटी के नतीजों को कोरोना से मुक्ति के रूप में नहीं देखना चाहिए. सीरो सर्वे की रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में करीब 56 फीसदी लोगों में हर्ड इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है, वहीं अगर  राष्ट्रीय स्तर पर जारी किए गए आंकड़ों को देखें, तो वह अभी मात्र 21 फीसदी ही है.

डॉक्टर अर्जुन खन्ना कहते हैं कि एंटीबॉडी होने का यह कतई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि उस व्यक्ति को फिर से कोरोना का संक्रमण नहीं हो सकता. विश्व के कई देशों में ऐसी गलतियों का खामियाजा देखा जा चुका है, जहां लोग बिल्कुल ही रिलैक्स हो गए और मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं किया. डॉ खन्ना ने कहा हमें यह समझने की गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए कि कोरोना हमारी जिंदगी से चला गया है.

उन्होंने आगे कहा है कि इस पूरे साल 2021 में हमें तीन बातों का जरूर ही पालन करना चाहिए, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन. सबसे जरूरी है, हाथ को बार बार साबुन एवं पानी या सेनेटाइजर से धोना और बार-बार छुई जाने वाली सतहों को रोज साफ करना. डॉ. अर्जुन ने कहा कि हो सके तो ग्लव्स पहनें, अपनी कोहनी से दरवाजों को खोलने की कोशिश करें और ट्रेनों के जरिए आवाजाही करने वाले लोग इसके हैंडल को पकड़ने से बचें. वहीं ऑफ़िस कर्मचारी हर सुबह अपनी डेस्क डिसइंफेक्टेंट से साफ करें.

विशेषकर इस पूरे साल साफ-सफाई की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए डॉ. अर्जुन खन्ना ने कहा कि हेल्थकेयर वर्कर्स, जो कोरोना के मरीजों के आस पास रहते हों, वो प्रोटेक्टिव कपड़े पहनें. मॉल, बिल्डिंग, पार्क और सड़कों पर डिसइन्फेक्टेंट्स (इनफ़ेक्शन को रोकने वाली दवाइयों) का छिड़काव हो, एटीएम मशीनों के की-पैड्स को भी रेगुलर साफ किया जाए. उनका यह भी कहना है कि लोग विशेषकर हाथ से चेहरा छूना की आदत खत्म करें और वायरस की आशंका वाली किसी सतह या वस्तु को छूने के बाद अपने चेहरे को बिल्कुल न छुएं.

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