पतंजलि का दावा है कि कोविड-19 की नई दवा अनुसंधान एवं साक्ष्यों पर आधारित है.
योगगुरू बाबा रामदेव ने एक बार फिर कोरोना की नई दवा लॉन्च की है. पतंजलि का दावा है कि कोविड-19 की नई दवा अनुसंधान एवं साक्ष्यों पर आधारित है. बता दें कि रामदेव ने नई दवा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मजौदगी में लंच की है.
योग गुरु रामदेव ने दावा किया है कि पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की यह दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सर्टिफाइड है. उन्होंने बताया की दावा है कि WHO ने इसे GMP यानी ‘गुड मैनुफैक्चरिंग प्रैक्टिस’ का सर्टिफिकेट दिया है. बाबा रामदेव का कहना था कि कोरोना की यह दवा ‘एविडेंस बेस्ड’ है. इस मौके पर रामदेव ने एक रिसर्च बुक भी लॉन्च की है. रामदेव ने कहा, “कोरोनिल के संदर्भ में नौ रिसर्च पेपर दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभाव वाले रिसर्च जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। 16 रिसर्च पेपर पाइपलाइन में हैं”
योग गुरु रामदेव ने कहा की जब हमने कोरोनिल के जरिए लाखों लोगों को जीवनदान देने का काम किया तो कई लोगों ने सवाल उठाए. कुछ लोगों के मन में रहता है कि रिसर्च तो केवल विदेश में हो सकता है, खासतौर पर आर्युवेद के रिसर्च को लेकर कई तरह के शक किए जाते हैं. अब हमने शक के सारे बादल छांट दिए हैं। कोरोनिल से लेकर अलग-अलग बीमारी पर हमने रिसर्च किया है.
बता दें कि पतंजलि ने पिछले साल जून में ‘कोरोना किट’ लॉन्च की थी. इसपर खासा विवाद हुआ था. आयुष मंत्रालय ने कहा था कि पतंजलि ‘कोरोनिल’ को केवल शरीर की ‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने’ वाली बताकर बेच सकता है.
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