देश की राजधानी दिल्ली अभी कोरोना के गम्भीर दौर से गुजर रही है. हर दिन आने वाले कोरोना के मामले 7 हजार को पार कर चुके हैं. बढ़ते मामलों के साथ दिल्ली सरकार अस्पतालों में बेड्स बढ़ाने में भी जुट गई है. इस कड़ी में दिल्ली सरकार के एक बड़े अस्पताल राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को पूरी तरह से कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया गया है, यानी वहां अब अगले आदेश तक अन्य बीमारियों का इलाज नहीं होगा.

इसके अलावा, दिल्ली सरकार के दो और बड़े अस्पतालों में कोरोना के बेड्स बढ़ाए गए हैं. लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में कोरोना बेड्स की संख्या 1000 से बढ़ाकर 1500 और बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड्स की संख्या 100 कर दी गई है. वहीं जीटीबी अस्पताल में कोरोना के मौजूदा बेड्स की संख्या 500 से बढ़ाकर 1000 कर दी गई है. यहां भी बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड्स की संख्या 100 है.

115 प्राइवेट अस्पतालों को भी 50 फीसदी बेड्स और आईसीयू बेड्स कोरोना के लिए रिजर्व करने का आदेश दिया गया है. ये सभी वो अस्पताल हैं, जिनमें 50 या उससे ज्यादा बेड्स की क्षमता है. इन अस्पतालों को यह छूट भी दी गई है कि वे अस्थायी रूप से अपने कुल बेड क्षमता का 25 फीसदी बढ़ा सकते हैं, लेकिन बढ़ाई गई क्षमता के बेड्स पर कोरोना मरीज़ों का ही इलाज होगा.

बढ़ते कोरोना के कारण मेडिकल स्टाफ्स की कमी न हो, इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अब सभी आयुष और डेंटल डॉक्टर्स को भी कोरोना की ड्यूटी में लगाने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार ने सभी कोरोना अस्पतालों को यह आदेश भी जारी किया है कि अस्पताल किसी मरीज को 10 मिनट से ज्यादा इंतजार ना कराएं. होल्डिंग एरिया में पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मी और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि मरीज़ को एडमिशन प्रॉसेस के दौरान बेमतलब इंतजार ना करना पड़े और भीड़ ना हो.

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