दिल्ली में बढ़ता कोरोना फिर से नवम्बर जैसे हालात पैदा करने लगा है, जब अस्पतालों में बेड्स और हेल्थ केयर वर्कर्स की किल्लत होने लगी थी. शुक्रवार को साढ़े 8 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आने के बाद शनिवार को 7800 से ज्यादा केस आए और इसके कारण कोरोना अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 5 हजार से ज्यादा हो गई है. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अब आयुर्वेदिक एंड यूनानी तिब्बिया हॉस्पिटल को भी कोरोना अस्पताल में बदल दिया है. इसके 100 बेड्स पर कोरोना का इलाज होगा.

बढ़ते कोरोना के साथ दिल्ली के कोरोना अस्पतालों के डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहे हैं. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अब चौथे और पांचवे साल के MBBS छात्र, इंटर्न्स और BDS पास डॉक्टर्स को कोरोना की ड्यूटी में लगाने का फ़ैसला किया है. दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट को इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया गया है. वहीं, अब जिनका टेन्योर समाप्त हो गया है, उन्हें भी बुलाया जा रहा है.

दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया है कि मेडिकल इंस्टीट्यूशन्स के प्रमुख अपने यहां वर्तमान में काम कर रहे उन सभी सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स का  कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दें, जिनका कार्यकाल 31 मार्च 2020 को पूरा हो गया है या जल्द पूरा होने वाला है. यह भी कहा गया है उन कैंडिडेट्स में से सीनियर रेजिडेंट्स, जूनियर रेजिडेंट्स की भर्ती करें, जिन्होंने अपना रेजीडेंसी टेन्योर पहले ही पूरा कर लिया है, अगर खाली पोस्ट के लिए नए कैंडिडेट्स उपलब्ध न हों.

पोस्ट कोविड मामलों में हो रही मरीजों की मौत रोकने के मद्देनजर भी दिल्ली सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. इस आदेश के जरिए अब कोरोना अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट को भी डिस्चार्ज हो रहे मरीजों को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर देने के लिए अधिकृत कर दिया गया है. अभी तक यह अधिकार सिर्फ CDMO के पास था.

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