Smoking for weight control

सिगरेट पीने वालों की एक बड़ी दलील होती है की वे कम वेट गेन करते हैं, लेकिन रिसर्च कुछ और ही कहता है

आपने ये आम धारणा सुनी होगी और अक्सर सिगरेट स्मोकिंग करने वाले भी दलील देते हैं की स्मोकिंग से उनका वेट गेन कम होता है और वजन नियंत्रण में रहता है। यह धारणा दुनिया के तमाम देशों में देखी जाती है और इसी धारणा के कारण भारत में भी महिलाओं में सिगरेट स्मोकिंग के नंबर्स काफी बढ़े हैं।

दरअसल कई रिसर्च में यह पाया गया की जब कोई सिगरेट स्मोकिंग छोड़ता है उसके शरीर में कैलोरी बर्न करने की रफ्तार धीमी हो जाती है, परिणामस्वरूप व्यक्ति तेजी से वेट गेन करता है।

इसी रिसर्च के मुताबिक सिगरेट स्मोकर्स में यह अवधारणा बनी है की स्मोकिंग से वे स्लिम रह सकते हैं।

लेकिन इस अवधारणा और सोच को हाल हीं में प्रकाशित यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन की एक रिपोर्ट ने सिरे से ख़ारिज कर दिया है । इस रिसर्च में यह भी पाया गया की स्मोकिंग से वास्तव में बेली फैट बढ़ता है। रिसर्च के मुताबिक विस्सेरल फैट जो की पेट का भीतरी लेयर होता है, स्मोकिंग से उसमे बढ़ोतरी होती है। यहीं फैट हार्ट डिजीज, डायबिटीज, स्ट्रोक और डिमेंशिया के लिए जिम्मेदार होता है।

स्मोकर्स के जेनेटिक  और एब्डॉमिनल ओबेसिटी के डेटा के अध्ययन से साइंटिस्ट इस निष्कर्ष तक पहुंचे की बेली फैट का सीधा संबंध स्मोकिंग से है। इस संबंध में डॉक्टर जर्मन कारासेक्विला ने द क्यूब से बात चीत  की और यूरो न्यूज में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक स्मोकिंग और फैट मैनेजमेंट की अवधारणा को सिरे से ख़ारिज कर दिया गया है ।

रिसर्चर्स का कहना है की स्मोकिंग छोड़ने से कई सारे स्वास्थ्य लाभ हैं जो डायबिटीज, हार्ट डिजीज, कोलोरेस्ट्रोल और मेटाबोलिक कंडीशन से जुड़े हैं।

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