Gym Workout

ज्यादा वर्क आउट का साइड इफेक्ट सेहत पर भारी पड़ता है, जानिए कैसे?

फिटनेस फ्रीक होना अच्छी बात है। अच्छी सेहत के लिए वर्क आउट करना, जिम जाना, भरपूर एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है, ये हम सब जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की फिटनेस का जुनून, जरूरत से ज्यादा वर्क आउट सेहत पर उल्टा प्रभाव दिखाता है! जिन लोगों पर हद से ज़्यादा एक्सरसाइज का जुनून है उनके लिए यह जानना बेहद जरूरी है की इसके क्या साइड इफेक्ट्स बॉडी पर हो सकते हैं। तो आइए जानते है की जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने से सेहत और शरीर को क्या नुकसान होता है।

हार्मोन का असंतुलित होना
अगर आप जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं तो इसका हार्मफुल इफेक्ट आपके हार्मोन सिस्टम पर पड़ता है और इसके असंतुलित होने का खतरा बढ़ जाता है। हार्मोन असंतुलन से हमेशा थकान महसूस होती है। साथ ही इसका साइड इफेक्ट मेंटल हेल्थ पर भी देखा जाता है। जरूरत से ज्यादा वर्क आउट करने से कोर्टिसोल का स्तर शरीर में बढ़ सकता है जिससे मन अशांत रहता है और व्यक्ति तनाव ग्रस्त हो जाता है।

हार्ट अटैक का खतरा

जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज का भारी दबाव आपका दिल झेलता है और ऐसे में इसकी सेहत भी बुरी तरह प्रभावित होती है। ज्यादा exercise से blood pressure यानी रक्तचाप बढ़ता है जिससे दिल की सेहत को नुकसान पहुंचता है। ज्यादा वर्क आउट करने से शरीर और ऑर्गन को आराम नहीं मिलता और ऐसे में दिल नॉर्मल से कहीं ज्यादा रेट से धड़कता रहता है।

मसल्स में दर्द और खिंचाव
जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने से मसल्स में खिंचाव और स्थाई दर्द की समस्या बनी रहती है, यह दर्द कई बार असहनीय भी हो जाता है। एक्सरसाइज का भारी दबाव जिस मसल्स पर ज्यादा पड़ता है वहां डैमेज होने का खतरा भी रहता है ।

मानसिक स्वास्थ्य पर असर
जब आप वर्क आउट करते हैं तो शरीर से एड्रेनलाइन नमक हार्मोन निकलता है जिससे नींद नहीं आने और थकान के साथ साथ चिड़चिड़ा होने की समस्या बढ़ जाती है । इससे नींद कम आने की भी समस्या हो सकती है। कई बार इसके अलावा व्यक्ति में एंक्सिटी, डिप्रेशन के सिम्पटम भी दिखाई देने लगते हैं।

एक्सरसाइज की लिमिट क्या है?

दिनभर में कितना एक्सरसाइज करना चाहिए, वर्क आउट का लेवल कितना होना चाहिए? इस सवाल का जवाब हम सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के सुझाव के मुताबिक तय कर सकते हैं। इसके मुताबिक एक हफ्ते में 150 मिनट तक का वर्क आउट जरूरी है। इसे दो चार दिन में करने के बजाय 5 से 6 दिन में बांटा जा सकता है। साथ ही स्वयं की स्वास्थ्य जरुरत के मुताबिक अपने फैमिली फिजिशियन से भी इस बारे में सलाह ले सकते हैं जो आपकी बॉडी के पैरामीटर और जरूरत के मुताबिक दिशा निर्देश बेहतर तरीके से दे सकता है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल वेब वर्ल्ड में मौजूद विभिन्न लेखों पर आधारित है। इसका मकसद सिर्फ जानकारी और जागरूकता नही न की कोई चिकित्सकीय सलाह।

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