alzheimer's disease and pollution

प्रदूषण के व्यापक साइड इफेक्ट्स में अब अल्जाइमर भी जुड़ गया है। प्रदूषण से हमारे दिमाग के सेल्स भी अछूते नहीं रहे।

एयर पॉल्यूशन दुनिया भर में हेल्थ रिस्क को बढ़ा रहा है। 2019 में 6.6 मिलियन लोगों की मृत्य का कारण सिर्फ प्रदूषण को माना गया। कोविड की महामारी तो चली गई लेकिन प्रदूषण हमारी जिंदगी को चारो तरफ से घेर कर खड़ा है जो साइलेंट किलर से कम नहीं है। एनवायरनमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव में पब्लिश इस व्यापक अध्ययन में पाया गया है की ट्रैफिक में अपना समय व्यतीत करने वाले लोग अल्जाइमर डिजीज के ज्यादा शिकार हो रहे हैं।

प्रदूषण और अल्जाइमर की बीमारी

  • अध्ययन के मुताबिक एक स्वस्थ व्यक्ति भी अगर एयर पॉल्यूशन में रोजाना अपना समय व्यतीत करता है तो उसके सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड में अल्जाइमर्स के इंडिकेटर दिखने लगते हैं।
  • ब्रेन में एमीलॉयड प्लेक्स के इकट्ठा होने की पुष्टि भी यह स्टडी करती है, जिसका साफ मतलब है व्यक्ति में समय के साथ अल्जाइमर डिजीज का होना।
  • एयर पॉल्यूशन में जो महीन प्रदूषण के कण होते हैं जिन्हें PM.25 और PM.5 की श्रेणी में रखा गया है, ऐसे महीन कण ओलेफेक्टरी नर्वस के जरिए सीधे ब्रेन में पहुंच जाते हैं जिससे स्ट्रेस, सूजन और दिमाग के भारी क्षति की संभावना रहती है।
  • यह अध्ययन इस निष्कर्ष तक पहुंचता है की एयर पॉल्यूशन न्यूरोडिजनरेशन का एक बड़ा कारण है।
    इस स्टडी से पता चलता है एयर पॉल्यूशन किस हद तक मानव शरीर को प्रभावित कर रहा है और क्षति पहुंचा रहा है।

Comments