बदलती जीवन शैली के साथ हमने अपने घरों में ऐसे सामान की एंट्री दे दी है जो जाने अंजाने हमारे स्वास्थ्य के दुश्मन हैं। इनसे होने वाली बीमारीयों के लक्षण को पहचानना और इनसे निजाद पाना जरूरी है।
समय के साथ हमने अपने घरों को साफ सुथरा रखने के साथ साथ फ्रेश और फ्रेगरेंस का भी ख्याल रखा है। लेकिन इन सभी जरूरी बदलाव के बीच अहम जो अहम चीज भूल रहें हैं वह है अपने स्वास्थ्य के साथ होने वाला समझौता। हेल्थ एक्सपर्ट बार बार हमारे घरेलू उपयोग के ऐसे समान पर सवाल खड़े कर रहे हैं जो हमे बीमार बना रहें हैं। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे घरेलू उपयोग के ऐसे सामान घर के साथ साथ शरीर को टॉक्सिक बना रहें हैं।
क्लीनिंग प्रोडक्ट्स
किचन से लेकर बाथरूम और फ्लोर क्लीनिंग के लिए बाजार में कई तरह के प्रोडक्ट्स मौजूद हैं। इन प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करते वक्त इससे निकलने वाले अलग अलग तरह की गंध, सुगंध और कई बार दुर्गंध को आपने जरूरी महसूस किया होगा। दरअसल ये इनमे मौजूदा हार्स केमिकल के कारण होता है। इस तरह के क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में ब्लीच और अमोनिया की मात्रा अत्यधिक होती है । कई बार इसके इस्तेमाल के दौरान आंखो में जलन और आपने सांसों में में घुटन महसूस किया होगा। आपके घर का एनवायरनमेंट जितना क्लोज होगा इसका इंपैक्ट भी आप उतनी ज्यादा महसूस करेंगे। ये केमिकल आंख, श्वसन तंत्र यानी रेस्पिरेटरी सिस्टम और स्किन को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं। लंबे समय तक इनके इस्तेमाल से इसके साइड इफेक्ट भी दिखने लगते हैं।
एयर फ्रेशनर
घर साफ सुथरा रहे और उसके बाद सुगंधित भी इसके लिए एयर फ्रेशनर का इस्तेमाल भी काफी बढ़ा है। टायलेट में इन दिनों शत प्रतिशत लोग एयर फ्रेशनर यूज करते हैं। लेकिन आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है की घर को महकाने वाले ये एयर फ्रेशनर आपकी सांसों को बीमार बना रहें हैं। एयर फ्रेशनर में सामान्यतः वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड होते हैं। ये ऑर्गेनिक कंपाउंड सांसों को बीमार बना सकते हैं, एलर्जी और अस्थमा का भी कारण बन सकते हैं। घर को सुगंधित और स्मेल फ्री रखने के लिए पहला तो गुड वेंटिलेशन काफी है और इसके बाद भी अगर आप प्रयोग करना चाहें तो नेचुरल एसेंशियल ऑयल कई तरह के बाजार में मौजूद हैं।
पेस्टीसाइड
घर में कीड़े, काक्रोच, मच्छर और अन्य कीड़े मकोड़े को मारने के लिए कई तरह के पेस्टीसाइड बाजार में मिलते है जिसका प्रयोग धड़ल्ले से किया जाता है। इसमें खतरनाक कैमिकल पाए जाते हैं जिसकी वजह से चक्कर, मिचली, सर दर्द, और अन्य तरह के न्यूरोलॉजिकल प्रोब्लम भी हो सकते है। लिहाजा इनके इस्तेमाल में जरूरी सावधानी बरते हैं। जैसे की इस्तेमाल के दौरान बच्चे, बुजुर्ग और बीमार को इनकी पहुंच से दूर कर दें। इस्तेमाल करने वाला प्रॉपर मास्क का यूज करे और इस्तेमाल के बाद घर को प्रॉपर वेंटिलेशन के बाद हीं इस्तेमाल करना चाहिए।
प्लास्टिक फूड कंटेनर
प्लास्टिक कंटेनर कई तरह के होते हैं। कुछ प्लास्टिक ऐसे होते हैं जिनमे बिसफेनॉल ए यानी बीपीए और फैथलेटस होता है। ऐसे प्लास्टिक बर्तन का जब हम उपयोग करते हैं तो यह खाने में ऑब्जर्व हो जाता है। यह शरीर में हार्मोन बैलेंस को प्रभावित कर देता है। इससे शरीर में कई तरह की दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। इसलिए खाने पीने और परोसने के बर्तन प्लास्टिक का उपयोग न करें।
नॉन स्टिक बर्तन
कम तेल के उपयोग के नाम पर नॉन स्टिक बर्तनों का उपयोग काफी बढ़ा है। इन बर्तनों को जब ओवरहीट किया जाता है तो इनसे टॉक्सिक धुंआ निकलता है। इनमे पर फ्लूरिनीटेड कंपाउंड होता है जिससे ऑर्गन डैमेज और यहां तक की कैंसर का खतरा होता है । इसलिए जरूरी है की ऐसे बर्तनों के उपयोग से परहेज करें।
इस तरह के टॉक्सिक सामान के इस्तेमाल से अपने शरीर को सुरक्षित रखना जरूरी है। अन्यथा समय के साथ इसके हानिकारक लक्षण दिखने लगते हैं। अगर आपको सांस की समस्या, खांसी, नाक जाम रहना, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत या स्किन सहित किसी अन्य तरह का इरिटेशन दिखने लगे तो अपने डॉक्टर से जल्द संपर्क करें। इन केमिकल्स का साइड इफेक्ट स्किन और सांस के अलावा आंख, ब्रेन सहित अन्य
ऑर्गन पर भी दिखता है। इस आर्टिकल को पढ़कर आप समझ गए होंगे की इस्तेमाल में क्या करें और क्या न करें। साथ ही किसी भी तरह के लक्षण पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल जानकारी और जागरूकता के लिए है। किसी भी तरह के मेडिकल कंडीशन के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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