American Diabetes Association अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के एक अध्ययन से पता चला कि है प्लास्टिक की पानी की बोतल का इस्तेमाल करने से डायबिटीज और हार्मोन डिसरप्शन का खतरा बढ़ता है. प्लास्टिक में इस्तेमाल होने वाला BPA इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम करता है, जिससे संभावित रूप से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
BPA, बिस्फेनॉल ए का शॉर्ट फॉर्म है, जो फूड और ड्रिंक्स पैकेजिंग में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। बीपीए को इंसुलिन सेंसिटिविटी में कमी से जोड़ता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस, जो लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर का कारण बन सकता है, टाइप 2 डायबिटीज के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
ऐसे कम करें डायबिटीज का खतरा
FDA की तरफ से फूड कंटेनर्स में 5 मिलीग्राम तक के लेवर पर बीपीए को सुरक्षित माना जाता है। हालांकि रिसर्चर्स ने फूड और ड्रिंक्स के संपर्क में आने वाले प्रोडक्ट्स में बीपीए पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अध्यययन के निष्कर्ष से पता चला कि बीपीए एक्सपोजर को कम करने से, जैसे कि स्टेनलेस स्टील या कांच की बोतलें और बीपीए फ्री कंटेनर का इस्तेमाल करने से डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है।
BPA क्या है?
BPA यानी बिस्फेनॉल-ए एक इंडस्ट्रीयल केमिकल है, जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक बनाने में किया जाता है और इसे फूड कंटेनर, बेबी बोतलें और प्लास्टिक की पानी की बोतलों सहित कई कमर्शियल प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है।
BPA सेफ लेवल क्या है?
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की साल 2014 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोजाना शरीर के वजन का 2.25 मिलीग्राम प्रति पाउंड यानी 5 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम से कम BPA सुरक्षित है।
कैसे करें सुरक्षित BPA लेवल की पहचान
अगर आप प्लास्टिक से बने किसी कंटेनर या बोतल में सुरक्षित BPA लेवल की पहचान करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ नंबर्स को ध्यान में रखना होगा। 1, 2, 4 और 5 नंबर वाले प्रोडक्ट्स सबसे सुरक्षित प्लास्टिक माना जाता है। वहीं, रीसाइक्लिंग नंबर 3, 6 या 7 वाले प्लास्टिक से जितना हो सके उतना बचना सही है। इस तरह के प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग करना मुश्किल होता है।
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