गर्मी का मौसम अपने साथ कई चुनौतियाँ लेकर आता है—लू लगना, थकावट, डिहाइड्रेशन, त्वचा जलन और पाचन संबंधी परेशानियाँ इनमें प्रमुख हैं। तापमान में तेज़ी से बढ़ोतरी और उमस भरी गर्मी से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो सकती है। ऐसे में सही जीवनशैली और सावधानी अपनाकर इन समस्याओं से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि गर्मियों में कैसे रखें खुद को तंदुरुस्त और तरोताजा।
- हाइड्रेशन है सबसे बड़ा हथियार
क्या करें:
गर्मियों में शरीर से अत्यधिक पसीना निकलता है जिससे इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। इसके अलावा नारियल पानी, नींबू पानी, बेल शरबत, छाछ और फलों का रस पीना भी बेहद लाभदायक है।
क्यों जरूरी है:
पानी न केवल शरीर का तापमान नियंत्रित करता है बल्कि अंगों की कार्यक्षमता बनाए रखने में भी मदद करता है। डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए यह सबसे कारगर उपाय है।
- त्वचा की करें विशेष देखभाल
क्या करें:
घर से बाहर निकलते समय 30 या उससे अधिक SPF वाला सनस्क्रीन लगाना जरूरी है। इसे हर 2-3 घंटे में दोबारा लगाएं। साथ ही छतरी, टोपी और धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें।
क्यों जरूरी है:
धूप में अधिक देर रहने से सनबर्न, टैनिंग और यहां तक कि त्वचा कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। त्वचा को UV किरणों से बचाना बेहद जरूरी है।
- आहार में शामिल करें ठंडक देने वाले तत्व
क्या खाएं:
खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, पुदीना, दही, और नींबू जैसे शीतल प्रकृति के खाद्य पदार्थ गर्मियों के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
क्यों जरूरी है:
ये खाद्य पदार्थ शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर भी प्रदान करते हैं। ये पाचन को भी बेहतर बनाते हैं।
- पहनावे में रखें सावधानी
क्या पहनें:
हल्के रंग के सूती या लिनेन कपड़े पहनें जो पसीना सोख सकें और हवा को अंदर बाहर आने जाने दें। तंग और सिंथेटिक कपड़ों से बचें।
क्यों जरूरी है:
इस तरह के कपड़े गर्मी को और बढ़ा सकते हैं और त्वचा को चिढ़ भी सकते हैं, जिससे फोड़े-फुंसी या रैशेज़ हो सकते हैं।
- गर्मी के चरम समय से करें परहेज
क्या करें:
सुबह 10 बजे से दोपहर 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें। अगर जाना पड़े तो छायादार स्थानों में रुकें और खुद को ढंक कर रखें।
क्यों जरूरी है:
इस समय सूर्य की UV किरणें सबसे तीव्र होती हैं, जिससे हीट स्ट्रोक या सनबर्न की संभावना अधिक रहती है।
- सफाई रखें प्राथमिकता पर
क्या करें:
हर दिन स्नान करें, पसीने से भीगे कपड़े न दोबारा पहनें। नाखून और हाथों की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
क्यों जरूरी है:
गर्मी और नमी के कारण बैक्टीरिया व फंगल इन्फेक्शन जल्दी फैलते हैं। अच्छी स्वच्छता से त्वचा व पाचन संबंधी रोगों से बचाव होता है।
- सही समय पर करें व्यायाम
क्या करें:
सुबह जल्दी या सूर्यास्त के बाद व्यायाम करें। तेज धूप में या बिना हाइड्रेशन के वर्कआउट करने से बचें।
क्यों जरूरी है:
गर्मियों में शरीर जल्दी थक जाता है और पानी की कमी से चक्कर या बेहोशी हो सकती है। व्यायाम के बाद इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय लेना फायदेमंद रहेगा।
- इलेक्ट्रॉनिक कूलिंग साधनों का समझदारी से प्रयोग करें
क्या करें:
AC और कूलर के बीच बार-बार आना-जाना शरीर को झटका दे सकता है। पसीने के साथ सीधे ठंडा माहौल शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
क्यों जरूरी है:
तेज़ तापमान अंतर से सर्दी-जुकाम, बदन दर्द और थकान हो सकती है। ऐसे में शरीर को धीरे-धीरे कूलिंग एन्वायरमेंट में ढालें।
- गर्मी से प्रभावित होने के संकेतों को न करें नजरअंदाज
लक्षण:
अत्यधिक पसीना, चक्कर आना, थकान, सिर दर्द, उल्टी, तेज़ बुखार, त्वचा का लाल होना या सूखा महसूस होना—ये सभी हीट स्ट्रोक या डिहाइड्रेशन के लक्षण हो सकते हैं।
क्या करें:
इन लक्षणों को महसूस होते ही ठंडी जगह पर जाएं, पानी पिएं और डॉक्टर से सलाह लें।
- आयुर्वेदिक घरेलू उपाय भी अपनाएं
क्या करें:
बेल शरबत, सत्तू, गुलकंद, आम पना और धनिए का पानी गर्मियों में अत्यंत लाभकारी होते हैं। ये प्राकृतिक रूप से शरीर को ठंडा रखते हैं।
क्यों जरूरी है:
ये शीतल औषधियां शरीर की अग्नि को संतुलित करती हैं और लू से बचाव करती हैं।
गर्मी में स्वास्थ्य बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है — पर्याप्त जल सेवन, संतुलित आहार, हल्का पहनावा, सूर्य से बचाव, और स्वच्छता। सही आदतों और सतर्कता से हम गर्मी को आरामदायक बना सकते हैं। यदि गर्मी से जुड़ी कोई गंभीर समस्या हो तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
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