भारतीय रसोई में पनीर का एक खास स्थान है — यह स्वादिष्ट भी है और प्रोटीन से भरपूर भी। लेकिन क्या हो अगर वही पनीर आपकी सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन बन जाए? हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में 1300 किलोग्राम नकली पनीर जब्त किया गया, जिसमें सिंथेटिक दूध, डिटर्जेंट, ब्लीचिंग एजेंट और अन्य हानिकारक केमिकल पाए गए। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा पनीर हृदय, लिवर, किडनी और मस्तिष्क तक को नुकसान पहुंचा सकता है।
बाजार में नकली पनीर की बढ़ती खपत को देखते हुए आम आदमी हीं बल्कि खास आदमी भी चिंतित और यह विषय सड़क से लेकर सदन तक चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बाबत हाल हीं में कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर और केंद्रीय मंत्री फूड और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन प्रहलाद जोशी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को एक लेटर लिखकर ध्यान आकृष्ट किया और नकली पनीर की बिक्री पर रोक लगाने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की।
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कैसे बनता है नकली पनीर?
नकली पनीर असली दूध से नहीं, बल्कि रसायनों और कृत्रिम पदार्थों से तैयार किया जाता है। इसमें सामान्यतः निम्न चीजों का इस्तेमाल होता है:
सिंथेटिक दूध: जिसमें यूरिया, डिटर्जेंट, शैंपू, बोरिक एसिड जैसे रसायन मिलाए जाते हैं।
स्टार्च और रिफाइंड ऑयल: असली दूध के बिना पनीर का रूप देने के लिए।
ब्लीचिंग एजेंट: जिससे पनीर सफेद और ताजा दिखे।
गाढ़ा करने वाले एजेंट (थिकनर): जिससे बनावट असली जैसी लगे।
यह सभी पदार्थ शरीर के अंदर जाकर धीरे-धीरे अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसका असर समय के साथ गंभीर बीमारियों में बदल सकता है।
5 सेकेंड में ऐसे पहचानें नकली पनीर
डॉक्टरों और खाद्य विशेषज्ञों ने कुछ आसान घरेलू तरीके बताए हैं, जिनसे आम लोग भी नकली और असली पनीर की पहचान कर सकते हैं:
- गर्म पानी परीक्षण:
एक कटोरी में गर्म पानी लें और पनीर का एक टुकड़ा डालें।
असली पनीर: सफेद और कोमल ही रहेगा।
नकली पनीर: पीला पड़ने लगेगा, सतह पर तेल या झाग दिख सकती है।
- उंगलियों से दबाकर जांचें:
पनीर को हल्के से दबाकर देखिए।
असली पनीर: थोड़ा लचीला और चिकना होगा।
नकली पनीर: या तो बहुत सख्त होगा या फिर दबाते ही टूटने लगेगा।
- गंध और स्वाद:
असली पनीर: हल्की दूध की खुशबू और मलाईदार स्वाद।
नकली पनीर: केमिकल जैसी गंध और बेस्वाद या चुभने वाला स्वाद।
- आयोडीन टेस्ट:
घर पर ही चेक करने का आसान तरीका।
पनीर के टुकड़े पर कुछ बूंदें आयोडीन की डालें।
अगर रंग नीला हो जाए, तो उसमें स्टार्च मिलाया गया है।
नकली पनीर के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव
स्वाद और कीमत के लालच में खरीदा गया नकली पनीर शरीर के विभिन्न अंगों को धीरे-धीरे प्रभावित करता है। डॉक्टरों के मुताबिक इसके दुष्परिणाम निम्नलिखित हैं:
- दिल (हृदय) पर असर:
नकली पनीर में मौजूद ट्रांस फैट और विषैले केमिकल धमनियों को बंद कर सकते हैं, जिससे कोरोनरी आर्टरी डिजीज और हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
- लीवर (यकृत) डैमेज:
सिंथेटिक दूध और रसायनों को पचाना लीवर के लिए मुश्किल होता है। लगातार सेवन से फैटी लिवर, हेपेटाइटिस और लिवर फेलियर की आशंका रहती है।
- किडनी फंक्शन पर प्रभाव:
नकली पनीर में यूरिया, डिटर्जेंट और अम्लीय तत्व पाए जाते हैं जो किडनी की फिल्ट्रेशन क्षमता को खराब कर सकते हैं। इससे क्रॉनिक किडनी डिजीज हो सकती है।
- नर्वस सिस्टम को नुकसान:
कुछ नकली पनीर में ऐसे केमिकल होते हैं जो न्यूरोटॉक्सिक होते हैं। इससे सिरदर्द, चक्कर, उलझन, झुनझुनी और याददाश्त की समस्या हो सकती है।
- इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाता है:
इसमें मौजूद केमिकल शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म कर देते हैं। इससे संक्रमण, एलर्जी और त्वचा रोग बढ़ सकते हैं।
क्या कहती है सरकार और FSSAI?
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार, खाद्य पदार्थों में मिलावट एक गंभीर अपराध है। हाल के महीनों में FSSAI और राज्य प्रशासन ने कई बड़े नकली डेयरी प्रोडक्ट रैकेट का भंडाफोड़ किया है।
उपभोक्ताओं को सलाह दी गई है कि वे ब्रांडेड और FSSAI प्रमाणित उत्पाद ही खरीदें।
खुले या सस्ते में मिलने वाला पनीर स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है।
जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार
खाने की चीजों में नकलीपन सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि जीवन के लिए खतरा बन सकता है। खासकर त्योहारों और विवाह सीजन में मांग बढ़ने पर बाजार नकली उत्पादों से भर जाता है। ऐसे में लोगों को सजग और जागरूक रहने की जरूरत है।
याद रखें — पनीर सिर्फ स्वाद नहीं, सेहत का सवाल है।
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