अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली ने अपनी हीरक जयंती (60वीं वर्षगांठ) के अवसर पर न्यूरोसर्जरी सुविधाओं के विस्तार की घोषणा की है। अब एम्स में अत्याधुनिक तकनीकों से लैस और अधिक उन्नत सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे मरीजों को बेहतरीन इलाज मिल सकेगा।
नए विस्तारित न्यूरोसर्जरी विभाग की प्रमुख विशेषताएं:
सात नियमित ऑपरेशन थिएटर न्यूरोसर्जरी के लिए
दो विशेष ट्रॉमा ऑपरेशन थिएटर गंभीर चोटों के इलाज के लिए
गामा नाइफ सेंटर में 900+ मरीजों का सालाना इलाज, जो गैर-शल्य चिकित्सा (नॉन-इनवेसिव) से ब्रेन डिसऑर्डर का उपचार करता है
हर साल 5000 से अधिक जटिल न्यूरोसर्जरी ऑपरेशन किए जा रहे हैं
ट्रॉमा सेंटर (2007 से संचालित) में 1500 से अधिक ट्रॉमा सर्जरी सालाना
चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव
एम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. एस.एस. काले ने कहा,
“न्यूरोसर्जरी सुविधाओं के विस्तार के साथ, हम अधिक मरीजों को उन्नत और त्वरित इलाज देने के लिए तैयार हैं। अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने से हमारा विभाग वैश्विक स्तर पर अग्रणी बना हुआ है।”
रोगियों को मिलेगा त्वरित और कुशल उपचार
एम्स में न्यूरोसर्जरी विभाग के विस्तार से जटिल न्यूरोलॉजिकल विकारों के इलाज में और अधिक दक्षता आएगी। एम्स का लक्ष्य है कि अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके न्यूरोसर्जरी को तेज, सुरक्षित और प्रभावी बनाया जाए।
भविष्य की दिशा
इस विस्तार के साथ, एम्स का न्यूरोसर्जरी विभाग भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
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