भारत में अब मरीजों को एक एम्स से दूसरे एम्स में इलाज के लिए रेफर कराना पहले से कहीं अधिक सरल और पारदर्शी हो जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने “इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल” का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह पहल देशभर में चिकित्सा समन्वय को सशक्त बनाएगी और मरीजों को समय पर बेहतर इलाज सुनिश्चित करेगी।
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली द्वारा विकसित यह स्वदेशी पोर्टल आधुनिक तकनीकों से युक्त है। इसमें फेसियल रिकग्निशन, ऑटोमेटेड वर्कफ्लो, और रियल-टाइम अपडेट्स जैसे फीचर्स शामिल हैं, जो मरीजों की रेफरल प्रक्रिया को न केवल सरल बनाते हैं बल्कि उसे पूरी तरह डिजिटल और ट्रैक करने योग्य भी बनाते हैं।
इस पोर्टल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अब मरीजों को बार-बार कागज़ी कार्रवाई से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी। डॉक्टर या संबंधित मेडिकल स्टाफ द्वारा पोर्टल पर की गई एंट्री के माध्यम से मरीज का विवरण तुरंत संबंधित एम्स संस्थान को पहुँच जाएगा। इससे न केवल समय बचेगा, बल्कि गलतियों की संभावना भी कम होगी।
प्रारंभिक चरण में यह प्रणाली एम्स नई दिल्ली और एम्स बिलासपुर के बीच लागू की गई है। इस पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से सरकार रेफरल प्रणाली की व्यवहारिक चुनौतियों को समझेगी और आवश्यक सुधारों के बाद इसे देशभर के सभी एम्स संस्थानों में लागू किया जाएगा।
नई व्यवस्था में मरीजों को निम्नलिखित लाभ होंगे:*
तेज और पारदर्शी रेफरल प्रक्रिया
डॉक्टरों के बीच बेहतर समन्वय
सही समय पर स्लॉट बुकिंग और सूचना
कम प्रतीक्षा अवधि और भ्रम की स्थिति से मुक्ति
विश्राम सदन की सुविधा के साथ समग्र इलाज अनुभव
यह पोर्टल न केवल चिकित्सकों को सुविधा देगा, बल्कि मरीजों को भी यह जानने में मदद करेगा कि उनका केस किस स्टेज पर है, कब अपॉइंटमेंट है, और कौन डॉक्टर देख रहा है। यह तकनीक मरीजों को सशक्त बनाएगी और इलाज में अनावश्यक देरी को रोकने में सहायक होगी।
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा, “इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल मरीजों के हित में एक बड़ा कदम है। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी मरीज सिर्फ सिस्टम की जटिलता के कारण इलाज से वंचित न रहे।”
इस पहल के साथ भारत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में एक और अहम पड़ाव पार कर रहा है। जब यह प्रणाली पूरे देश में लागू होगी, तो मरीजों को एम्स नेटवर्क के भीतर उच्च स्तरीय, शीघ्र और समन्वित चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में कोई अड़चन नहीं होगी।
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