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डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपने पिछले आदेश में बदलाव करने की मांग की है।

ओर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के मुफ्त में कोविड-19 की जांच के आदेश में संशोधन करने के लिए याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से अपने आदेश में संशोधन करने की अपील की है, जिसमें सभी निजी प्रयोगशालाओं को मुफ्त में कोविड-19 की जांच करने के निर्देश दिए गए थे। 

डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपने पिछले आदेश में बदलाव करने की मांग की है। उनके याचिका मे कहा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (ईडब्ल्यूएस) को छोड़ बाकी तमाम लोगों से आईसीएमआर द्वारा तय 4500 रुपये लेने की अनुमति दी जाए।

महामारी को देखते हुए अगले कुछ समय में बड़ी संख्या में टेस्ट करने की जरूरत है, ऐसे में प्राइवेट लैब पर अत्यधिक बोझ पड़ेगा।

याचिका में ये भी बात कही गयी है की ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लोगों के टेस्ट में हुए खर्चे का भी भुगतान सरकार को तुरंत ही करना चाहिए |

8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों और निजी लैबों में भी कोरोना का मुफ्त टेस्ट करने का आदेश दिया था।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टर कौशल कांत एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व सदस्य रहे हैं।

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