राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के पास इपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005, आइपीसी 1860 और साआरपीसी की ताकत
पान मसाला, गुटखा, सुपारी, खैनी हो या किसी और प्रकार के तम्बाकू का सेवन,ऐसी आदतें कोरोना महामारी के फैलाव मे बेहद सहायक साबित हो सकती हैं.
यानी अगर आप किसी भी तरह के तम्बाकू का सेवन करते है तो सावधान हो जाइये, जाने अनजाने मे आप खुद भी कोरोना का शिकार हो सकते हैं या कोरोना से संक्रमित है तो दूसरों को इसका शिकार बना सकते हैं.
तम्बाकू उत्पादों के जरिये कोविड-19 के बढते प्रकोप को देखते हुये स्वास्थ मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि चबाने वाले तंबाकू पदार्थो के सेवन पर रोक लगाये. इसके पीछे आईसीएमआर के उस तर्क को भी सामने रखा गया है कि तंबाकू को चबाने के दौरान मुंह मे सलाइवा की मात्रा ज्यादा बनती है जिससे ब्यत्ति ज्यादा से ज्यादा थूकता है और इस तरह कोरोना संक्रमण का खतरा बढ जाता है.
राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के पास इपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005, आइपीसी 1860 और साआरपीसी के अन्तरगत कोविड-19 के दौरान कानून के उल्लंघन करने वालो से निपटने की समुची ताकत है.
स्वास्थ मंत्रालय ने इन प्रावधानो के तहत चबाने वाले तंबाकू के प्रयोग पर रोक लगाने की सलाह राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशो को दी है.
इससे पहले स्वास्थ मंत्रालय स्मोकिंग से कोविड-19 के फैलने के खतरे के बारे मे भी अगाह कर चुका है. और इस बाबत भी राज्यो को जागरुकता फैलाने के निर्देश दे चुका है.
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