कोरोना वायरस के पढते प्रकोप पर काबू पाने के लिये वैक्सीन की ओर टकटकी लगाये बैठी दुनिया के लिये अच्छी खबर है.

कोरोना वायरस के पढते प्रकोप पर काबू पाने के लिये वैक्सीन की ओर टकटकी लगाये बैठी दुनिया के लिये अच्छी खबर है. कैम्ब्रीज स्थित मौड्रना जो नेशनल इंस्टीट्यूट औफ हेल्थ के साथ पार्ट्नरशीप मे वैक्सीन डेवलप करने मे जूटी है उसके हवाले से यह अच्छी खबर आयी है. फेस 1 की सफलता से उत्साहित वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर आगे के परिणाम बेहतर रहते हैं तो यह वैक्सीन जल्द ही आम लोगों के उपयोग मे होगा.

पहले फेस मे कंपनी ने जो ट्रायल किया उसमे 8 लोगों मे एंटीबौडी का आकलन किया गया. इन आठ लोगों मे वायरस के खिलाफ न्यूट्रलाइजिंग एंटीबौडी पाया गया जिसकी बदौलत ये लोग बेहद आसानी से कोविड19 के संक्रमण से रिकवर कर गये.

WHO के मुताबिक दुनिया भर की 8 प्रमुख रिसर्च लैब मे फिलहाल नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सिन डेवलप करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. मौड्रना के अलावा यूएस मे फाइजर और इनोवियो जैसी कंपनीयां तो वही यूके मे औक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और चीन मे भी 4 अन्य वैक्सीन डेवलपर नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन के ट्रायल स्टेज मे पहुच चुके हैं.

हालाकि जानकारों के कहना है कि लैब ट्रायल तो वैक्सिन कै परिणाम बेहतर दिखाइ दे रहे हैं लेकिन इसका असली इम्तिहान तब होगा जब यह रियल वर्ल्ड मे पहुचेगा.

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