दिल्ली सरकार ने बतायाकि अचानक से कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलें और इसके चलते मरने वालों की सँख्या में बढ़ोतरी से ऐसी परिस्थिति पैदा हो गई है।

करोना संक्रमित लाशों के साथ होने वाले घोर लापरवाही और श्मशान घाट से वापस भेजे गए शवों को स्वत संज्ञान ले कर दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है |

दिल्ली के लोकनायक हॉस्पिटल में कोरोना शवों की बदइंतजामी और श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार की सुविधा न होने से जुड़े मसले पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और और तीनों एमसीडी से इन सभी मामलों में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के भी निर्देश दिए हैं |

कल मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने इस मसले को चीफ जस्टिस डी एन पटेल के पास दिशा निर्देश देने के लिए भेजा था।

आज जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल ने इस मामले को लेकर सुनवाई की। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस  संगीता ढींगरा सहगल की बेंच ने दिल्ली सरकार से 2 जून तक सभी स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है।

दिल्ली सरकार अपने तरफ से उठाये गए कदम के बारे में कोर्ट में बताया | दिल्ली सरकार ने बताया कि अचानक से कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलें और इसके चलते मरने वालों की सँख्या में बढ़ोतरी से ऐसी परिस्थिति पैदा हो गई है। सरकार ने बाते कि भट्टियों में कुछ गड़बड़ी के चलते निगमबोध घाट पर कुछ असुविधा है | घाट पर मौजूद कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव लोगों के शव को लेने से इंकार कर रहे है और यहां तक कि रिश्तेदार भी कोरोना संक्रमण के डर से शवों पर दावा करने से कतरा रहे है|

दिल्ली सरकार ने बाते की लोकनायक हॉस्पिटल को कहा गया है कि शवों को निगमबोध घाट ही भेजने के बजाए पंचकुइया और पंजाब बाग के शवदाह गृह पर भी भेजे जाए | श्मशान घाट पर काम कर रहे कर्मचारियों के समय में भी बदलाव किया गया है | पहले उनके काम का समय 9 बजे से शाम 4 बजे तक का था जिसको अब सुबह 7 से शाम 10 बजे तक कर दिया है।

लकड़ी से अंतिम संस्कार के परंपरागत तरीके की भी इजाजत दी गई है| सरकार ने बताया की 28 शवों का अंतिम संस्कार 28 मई को किया गया। बाकी 35 शवों का 30 मई तक अंतिम संस्कार हो जाएगा। अब सिर्फ उन्ही शवो को रखा जाएगा जिनकी जांच या पोस्टमार्टम होना बाकी है |

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