इस वायरस को लेकर जिस तरह के अवैज्ञानिक किस्से गढ़े गए और बातें कही गयी वो अपने आप में हमारे-आपके साइंटिफिक टेम्पर पर सवाल खड़ा करता है |

कोरोना संक्रमण के कहर से इस समय पूरा देश जूझ रहा है | भारत में जिस रफ़्तार से कोरोना का संक्रमण बढ़ा है देश आज दुनिया के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देशों के लिस्ट में चौथे पायदान पर खड़ा है | देश में इस समय कोरोना कनफर्म्ड केस की संख्या 4 लाख 61 हजार के करीब है |  भारत से आगे मात्र चार देश – अमेरिका, ब्राजील और रूस – है |

लेकिन मंगलवार को अचानक योग गुरु बाबा रामदेव ने इस बीमारी के सफल इलाज ढूंढने के दावे करते हुए अपनी एक दवाई बाजार में उतार दी | खैर, शाम होते-होते आयुष मंत्रालय ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए इसके विज्ञापन पर तत्काल रोक लगा दी |

दुनिया के सैकड़ों प्रयोगशाला में इस बीमारी की उत्पत्ति, इलाज आदि के बारे में अध्ययन किया जा रहा है | इस वायरस के इलाज के लिए पूरी दुनिया में शोध चल रहे हैं | Covid-19 की वैक्सीन को लेकर विज्ञान सारी संभावनाओ को तलाश कर रहा है और आने वाले दिनों में विज्ञानं इसमें सफलता भी हासिल करेगा | परन्तु, इस बीच में इस वायरस को लेकर जिस तरह के अवैज्ञानिक किस्से गढ़े गए और बातें कही गयी वो अपने आप में हमारे-आपके साइंटिफिक टेम्पर पर सवाल खड़ा करता है |

ऐसे में धर्मशिला कैंसर संसथान के कैंसर विशेषग्य डॉ अंशुमान ने अपने फेसबुक वाल पर कोरोना काल की अवैज्ञानिक परिकल्पना के नाम से देश में कोरोना की शुरुआत से ले कर अभी तक किस प्रकार के किस्से गढ़े गये उस पर एक पोस्ट लिखी जो आज वायरल हो रहा है |      

कोरोना काल की अवैज्ञानिक परिकल्पना

भारत मलेरिया बहुल इलाका है, कोरोना नहीं होगा।
गर्मी आने पर कोरोना खत्म हो जाएगा।
गरम पानी पीने से कोरोना ख़त्म हो जाएगा।
Alcohol पीने से कोरोना खत्म हो जाएगा।
जनता कर्फ्यू के बाद कोरोना विलुप्त हो जाएगा, क्योंकि 14 घंटे में मर जाता है।

Master stroke points

 ताली थाली, घंटे की आवाज़ से Quantum physics के सिद्धांत द्वारा पूरे विश्व से कोरोना बिलुप्त हो जाएगा। और भारत विश्व गुरु बन कर निकलेगा।

Lockdown projected and perceived as treatment of corona

कई राज्यों का दावा – कोरोना से लड़ने के लिए हम तैयार ही नहीं , चार कदम आगे हैं। (कोई जंग है क्या!)

Hydroxychoroloquine (antimalarial) declared as treatment of corona (antiviral) without any scientific evidence.


 Remdisivir has been pushed many times through media trial as miracle anticorona without any evidence.

Plasma Therapy has been launched through a press conference as breakthrogh in corona treatment and still being used without strong scientific support.


अश्वगंधा, शाश्वरी, तुलसी, अनुतैलं, क्वाथ आयुर्वेद की स्थापित विधा है। आयुर्वेद के प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा दिया भी जा रहा है। फिर भी उनको scientific trial की अनुमति नहीं मिली। लेकिन एक व्यापारी press conference करके मीडिया के माध्यम से उन्हीं औषधियों को Kit Pack करके Relaunch करने में कामयाब रहता है। आयुर्वेद और आयुर्वेदाचार्य बड़े या व्यापारी।

Corona is a Buisness (आपदा में अवसर)

(यह पोस्ट डॉ अंशुमान के फेसबुक वाल से लिया गया है )

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