आम आदमी पार्टी की स्थापना के बाद से ही अरविंद केजरीवाल यदा-कदा राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की विस्तार की कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन हर बार निराशा हाथ लगी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी ऐसी कोशिशें हुई थीं, लेकिन यह सपना महज पंजाब की चार सीटों पर ही सिमट गया. वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में तो आम आदमी पार्टी को अदद एक सीट ही लोकसभा में मिल सकी.

दिल्ली मॉडल का प्रचार

दिल्ली को लेकर उठाए गए अपने हर कदम को केजरीवाल ‘दिल्ली मॉडल’ का नाम देते रहे हैं और कोरोना के इस काल में ऐसे ही एक ‘दिल्ली मॉडल’ के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिशों में जुट गए हैं. दिल्ली में होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों को दिल्ली सरकार की तरफ से ऑक्सीमीटर दिया गया है, ताकि वे समय-समय पर अपने ऑक्सीजन स्तर की जांच कर सकें.

15 अगस्त को की थी घोषणा

इसका काफी फायदा भी दिखा है और इसी फायदा का ढोल पीटकर केजरीवाल अब देशभर में अपनी छवि चमकाने की फिराक में हैं. दरअसल, 15 अगस्त की शाम अरविंद केजरीवाल देशभर के अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से डिजिटल संवाद किया था. इस दौरान उन्होंने ग्रामीण भारत में पांव पसार रहे कोरोना को लेकर चिंता प्रकट करते हुए हर एक गांव में कम से कम एक ऑक्सीमीटर पहुंचाने की बात कही थी.

केजरीवाल की ऑनलाइन मीटिंग

16 अगस्त को केजरीवाल का जन्मदिन था. उन्होंने जन्मदिन न मनाने की बात कही, लेकिन गिफ्ट में ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीमीटर डोनेट करने को कहा. इस अपील का असर हुआ और अब तक 30 हज़ार से ज्यादा ऑक्सीमीटर आम आदमी पार्टी को मिल चुके हैं. सोमवार को अरविंद केजरीवाल ने अपने देशभर के प्रदेश संयोजकों और पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की और कहा कि वर्तमान में जल्द से जल्द देश के 30 हजार गांवों में इन ऑक्सीमीटर के जरिए ऑक्सीजन जांच केंद्र शुरू किया जाए.

दो दिन में देना है प्लान

पार्टी की तरफ से देश के सभी प्रदेश संयोजकों और पदाधिकारियों को अगले दो दिन के अंदर अपने-अपने राज्य का प्लान बना कर भेजने का आदेश दिया गया है. साथ ही कहा गया है कि पदाधिकारियों का यह बहाना नहीं चलेगा कि किसी गांव में उनकी जान पहचान नहीं है. उन्हें हर गांव में जाकर टीम तैयार करनी होगी. जहां पार्टी का संगठन नहीं है, उस गांव में एक व्यक्ति तलाशना होगा, जो अपने गांव में ऑक्सीजन जांच केंद्र बनाएगा, उसे ऑक्सी मित्र कहा जाएगा.

लगाना होगा AAP का बोर्ड

यूं तो यह कदम वर्तमान समय में कोरोना से लड़ाई में एक अहम भूमिका के रूप में नज़र आ रहा है, क्योंकि कोरोना से होने वाली मौतों में ज्यादातर का कारण ऑक्सीजन की कमी ही है. हर एक गांव में ऑक्सीमीटर पहुंच जाने पर उस गांव के किसी भी व्यक्ति की जरूरत के समय जांच हो सकेगी. लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि इस कदम का एक बड़ा उद्देश्य सियासी भी है. हर गांव में जिस व्यक्ति के यहां यह ऑक्सीमीटर होगा, उसके घर पर ‘आम आदमी पार्टी ऑक्सीजन जांच केंद्र’ का बोर्ड लगाने की बात कही गई है.

पार्टी की टोपी पहनना अनिवार्य

इतना ही नहीं, पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में केजरीवाल ने यह भी कहा है कि आॅक्सी मित्र अपने दो-चार दोस्तों को मिलाकर एक टीम बनाएगा और वे अपने एरिया में आॅक्सीमीटर और सेनेटाइजर लेकर घर-घर जाएंगे. इस दौरान उनके लिए मास्क के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की टोपी पहनना भी अनिवार्य होगा. उन्हें हर दरवाजे पर जाकर यह कहना होगा कि हम आम आदमी पार्टी से आएं हैं और साथ ही यह भी बताना होगा कि किस तरह आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में अच्छा काम किया है और इस आॅक्सीमीटर को घर-घर दिया गया है.

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