दिल्ली के फोर्टिस एस्कोर्ट हॉस्पिटल ने 86 साल के एक बुर्जुग का हिप ट्रांसप्लांट कर एक नया रिकार्ड बनाने की कोशिश की है. गौर करने वाली बात यह है कि आम तौर पर एक से दो घण्टे में होने वाले हिप ट्रांसप्लांट को महज 18 मिनट में सफलतापूर्वक पूरा किया गया. वो भी ऐसे मामले में, जबकि मरीज को पहले से दिल की बीमारी थी.
जा सकती थी जान
20 जनवरी को 86 साल के बुजुर्ग मंजूर उस्मानी अपने घर में चलते हुए गिर गए थे. अस्पताल में दिखाया गया, तो पता चला कि उनके कुल्हे की हड्डी टूट गई है. डॉक्टर्स ने ऑपरेशन करने की बात कही और साथ में यह भी कहा कि वे दिल के मरीज हैं और ऐसे मामले में ऑपरेशन के दौरान जान भी जा सकती है. लेकिन परिवार ने ऑपरेशन को लेकर सहमति जताई.
सिर्फ एक चौथाई था खून
फोर्टिस एस्कोर्ट हॉस्पिटल में 23 जनवरी को 3 बजे इनकी सर्जरी शुरू हुई और महज 18 मिनट में ही सर्जरी पूरी हो गई. इस पूरे मामले को लेकर फोर्टिस अस्पताल के डायरेक्टर, ऑर्थोपेडिक डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने कहा है कि इनका कुल्हा तो पूरी तरह से डैमेज था ही, इनके अंदर ब्लड भी कुल ब्लड का एक चौथाई ही था, जो काफी कम है.
शायद भारत में पहली बार
इस मामले की गम्भीरता को लेकर डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि ऑपरेशन करते व्यक्त हमें देखना होता है कि कहीं बचा हुआ खून भी ना निकल जाए, इसलिए कम से कम समय में सर्जरी का प्लान बनाया गया. उन्होंने कहा कि ऐसा भारत में शायद पहली बार हुआ है. हमने इसे लिम्का और गिनीज वर्ल्ड बुक रिकार्ड में भी चेक करने को कहा है. अगर ऐसा पहले नहीं हुआ हो, तो यह रिकॉर्ड होगा.
बेटे ने किया शुक्रिया अदा
हिप ट्रांसप्लांट के बाद मंजूर उस्मान अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं. हालांकि अभी उन्हें डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है. डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें सोमवार को अस्पताल से छुट्टी भी मिल सकती है. पिता को इस संकट से उबारने में भूमिका के लिए उनके बेटे मंसूर उस्मान ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा का शुक्रिया अदा किया है
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