कोरोना महामारी की दूसरी लहर में देश बुरे तरह से प्रभावित हुआ. यह सबने देखा, सबने सहा, लेकिन इस दौरान नहीं दिखे तो वे मंत्री, जो जनहित की शपथ लेते हैं. यूं तो हमारे प्रधानमंत्री भी यदा-कदा ही नजर आए और वह भी टीवी स्क्रीन पर. लेकिन अब जबकि महामारी की रफ्तार कम हो रही है, तो मोदी सरकार के मंत्री नजर आने लगे हैं. लेकिन वह भी कोरोना या कोरोना से हुई लोगों की मौत के मुद्दों को लेकर नहीं, बल्कि एक विवाद के विषय को लेकर.

दरअसल, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक शिकायती पत्र भेजा है. इस पत्र के जरिए केंद्रीय मंत्री ने अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके पीछे दिखने वाले तिरंगे की बनावट को लेकर सवाल उठाया है. केंद्रीय मंत्री ने लिखा है कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तिरंगे झंडे को सजावट के सामान के रूप में इस्तेमाल किया है.

प्रहलाद सिंह पटेल ने यहां तक लिखा है कि अरविंद केजरीवाल के पीछे दिखने वाले तिरंगे को इस तरह से लगाया गया है कि सिर्फ उसका हरा रंग ही दिखाई दे रहा है. उन्होंने लिखा है कि वह तिरंगा देश की गरिमा एवं संवैधानिक स्वरूप से भिन्न प्रतीत होता है. बीच में सफेद हिस्से को कम करके हरे हिस्से को जोड़ दिया गया लगता है, जो भारत सरकार गृह मंत्रालय के द्वारा निर्दिष्ट भारतीय झंडा संहित में उल्लिखित भाग 1 के 1.3 में दिए गए मानकों का प्रयोग नहीं दिखाई देता है.

अरविंद केजरीवाल को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने लिखा है कि भारतवासी होने के साथ-साथ आपने प्रदेश के गौरवपूर्ण मुख्यमंत्री का पद धारण किया है. ऐसे में सभी आपसे राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक तिरंगे के सम्मान करने और मर्यादा बनाए रखने की अपेक्षा करते हैं. उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजे गए अपने शिकायती पत्र में प्रहलाद सिंह पटेल ने लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय से जाने-अनजाने में ऐसे कृत्य की अपेक्षा नहीं करते हुए इस ओर आपका ध्यानाकर्षण चाहता हूं.

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