देश फिर से एक बार कोरोना के चपेट में आ चुका है। देश भर में आज कोरोना के नए मामले 91 हज़ार के आस पास आये हैं और ये तीसरी लहर की दस्तक है। आईये जानते है क्यों है OMICRON वैरिएंट से आई से तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक?

  1. कोविड की तीसरी लहर पिछले दोनों लहर से ज्यादा खतरनाक है क्योंकि संक्रमण की दर अल्फा, डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रोन का कई गुणा ज्यादा है।
    30 दिसम्बर को पॉजिटिविटी रेट सिर्फ 1 फ़ीसदी थी जो 5 जनवरी तक यानी महज 5 दिन में 5 फ़ीसदी हो गई।
  2. नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) डॉ वी के पॉल के मुताबिक महामारी तेजी से देश मे फैल रही है।
  3. आंकड़ो के मुताबिक कोविड का R – नॉट वैल्यू जिसके जरिये संक्रमण की गति का अनुमान लगाया जाता है वह बढ़कर 2.69 हो चुका है जो की सेकंड वेब के पीक पर महज 1.69 था। आर नॉट से संक्रमण फैलाने की तीव्रता का अनुमान लगाया जाता है। 1.69 का मतलब हुआ कि 100 व्यक्ति 169 लोगों को संक्रमित कर सकते है और 2.69 का मतलब हुआ की 100 लोग 269 लोगो मे संक्रमण फैला सकते है। इसके जरिये थर्ड वेब की आक्रमकता को समझा जा सकता है।
    4.  महामारी के फैलने के साथ ही हॉस्पिटल में भर्ती होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है जो की दिल्ली में 4 फीसदी और मुंबई में इस वक़्त 5 फीसदी है। डेल्टा के समय यह लगभग 20 फ़ीसदी थी।
  4. ICMR के डीजी बलराम भार्गव के मुताबिक महानगरों में कोविड तेजी से फैला है जहाँ अब ओमिक्रोन वैरिएंट ने अन्य को पीछे छोड़ दिया है।
  5. यूके, साउथ अफ्रीका और डेनमार्क की तरह भारत मे भी कोविड के तीसरी लहर की अवधि कम हो सकती है। डॉ वी के पॉल के मुताबिक जितनी तेजी से फैलेगा उतनी तेजी से यह वेब शांत भी हो सकता है लेकिन यह सबकुछ वैक्सीन कवरेज, जनसंख्या घनत्व और अन्य फैक्टर्स पर निर्भर करेगा।
  6. जिस तरह पिछले दो वेब में देश के अलग अलग हिस्सों में कोविड का वेब अलग अलग समय पर देखा गया, ओमिक्रोन की स्थिति में भी ऐसा ही रहने का अनुमान है। यानी जो कोविड वेब अभी महानगरों में है वह धीरे धीरे देश के सुदूर इलाकों तक समय के साथ पहुँचेगा।

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