30 साल के उम्र के बाद डॉक्टरी सलाह के अनुसार इसे रेगुअलर हेल्थ चेक अप में शामिल कर सकते हैं। और 40 की उम्र के बाद तो सेक्स हेल्थ चेक अप बेहद जरूरी हो जाता है।
जिस तरह रूटीन हेल्थ टेस्ट आपके शारीरिक स्वास्थ्य का आईना है उसी तरह सेक्सुअल हेल्थ टेस्ट आपके स्वास्थ्य के साथ साथ बेहतर संबंधों का दर्पण है। सेक्सुअली हेल्थी रहना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ आपके निजी जीवन को भी काफी हद तक प्रभावित करता है। आप गैर शादी शुदा हैं या शादी शुदा , सेक्सुअली एक्टिव हैं या नहीं लेकिन समय समय पर सेक्सुअली हेल्थ चेक अप करवाना आपके लिए बेहद जरूरी है।
कब कराएं सेक्सुअल हेल्थ टेस्ट ?
यह सवाल आपके मन में आ सकता है की सेक्सुअल हेल्थ टेस्ट कब कराएं? तो यह आपके ऊपर निर्भर करता है। आप सेक्स को लेकर कैसा महसूस करते हैं। आपकी यौन इच्छाएं कितनी जागृत होती हैं। क्या इसमें समय से कोई चेंज आया है। इसके अलावा 30 साल के उम्र के बाद डॉक्टरी सलाह के अनुसार इसे रेगुअलर हेल्थ चेक अप में शामिल कर सकते हैं। और 40 की उम्र के बाद तो सेक्स हेल्थ चेक अप बेहद जरूरी हो जाता है।
5 सेक्सुअल हेल्थ टेस्ट जो आपके लिए बेहद जरूरी हैं ?
पहली बात जो गौर करने वाली है वह यह है की ये टेस्ट पुरुष और महिलाएं दोनो के लिए होते हैं।
अब सवाल है की ये टेस्ट किस तरह के हो सकते है और इसके क्या मायने हैं। एक्सपर्टस के मुताबिक ब्लड शुगर टेस्ट के जरिए लैंगिक क्षमता को परखा जा सकता है। ब्लड शुगर बढ़ने का प्रभाव कमोतेजना पर पड़ता है और उसमे कमी आने लगती है। ब्लड शुगर पुरुष और महिला दोनो के लिए सेक्सुअल डिस्फंक्शन का कारण होता है।
दूसरा जरूरी टेस्ट है टेस्टेस्टरॉन का । महिलाओं और पुरुष में सीरम टेस्टेस्टरॉन लेवल टेस्ट के जरिए इसका लेवल चेक किया जा सकता है। यह सेक्स हार्मोन है जो पुरुष और महिलाएं दोनो में होता है। तीसरा जरूरी टेस्ट है सीरम प्रोलेक्टिन टेस्ट। इस टेस्ट के जरिए रिप्रोडक्टिव हेल्थ की जानकारी मिलती है। चौथा जरूरी टेस्ट है लिपिड प्रोफाइल का। इस टेस्ट से पता चलता है आपके अंदर कोलोरेस्ट्रोल का केवल क्या है। क्लोरेस्ट्रोल का बढ़ना आपके हार्ट और सेक्सुअल लाइफ दोनो को भारी नुकसान देता है।
और पांचवा जरूरी टेस्ट है एसएचबीजी टेस्ट । सेक्स हार्मोन बाइंडिंग ग्लूबोलिन के जरिए पुरुषों में टेस्टेस्टरोन की जांच होती है और महिलाओं में इसकी अधिकता का पता लगाया जाता है। इसकी कमी और अधिकता दोनो ही सेक्स लाइफ को प्रभावित करता है।
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