आयुर्वेद में त्रिफला को “संजीवनी” के समान माना जाता है। आमलकी (आंवला), बिभीतकी (बहेड़ा) और हरितकी (हरड़) — इन तीन फलों से मिलकर बना त्रिफला न केवल पाचन तंत्र को मजबूत करता है, बल्कि शरीर को संपूर्ण रूप से शुद्ध और सुदृढ़ करता है। आधुनिक शोधों ने भी इसके अनेक लाभों की पुष्टि की है, जिससे यह पारंपरिक औषधि एक बार फिर स्वास्थ्य विज्ञान के केंद्र में आ गई है।
वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं?
एक अध्ययन Journal of Alternative and Complementary Medicine (2020) में प्रकाशित हुआ, जिसमें यह पाया गया कि त्रिफला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की सूजन को कम करते हैं, पाचन सुधारते हैं और इम्यून सिस्टम को सक्रिय बनाते हैं।
दूसरे शोध में यह सामने आया कि त्रिफला का सेवन कोलोन की सफाई में मदद करता है और यह colon cancer के खतरे को भी घटा सकता है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की आयुर्वेद शाखा में हुए एक अध्ययन के अनुसार, त्रिफला न केवल कब्ज की समस्या को दूर करता है, बल्कि लिवर फंक्शन, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल स्तर को संतुलित रखने में भी कारगर है।
त्रिफला के प्रमुख लाभ:
- पाचन तंत्र को सुधारता है: कब्ज, एसिडिटी और अपाचन की समस्या में अत्यंत लाभकारी।
- डिटॉक्स का काम करता है: शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।
- इम्युनिटी बढ़ाता है: नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है।
- आंखों के लिए फायदेमंद: आंखों की रोशनी बढ़ाने और सूजन कम करने में सहायक।
- वज़न घटाने में मददगार: मेटाबॉलिज्म तेज करता है और फैट जमा नहीं होने देता।
- त्वचा और बालों के लिए गुणकारी: त्वचा को चमकदार और बालों को मजबूत बनाता है।
सेवन का सही तरीका:
त्रिफला चूर्ण का सेवन खाली पेट करना सबसे अधिक लाभकारी माना जाता है।
रात में सेवन: आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ रात को सोने से पहले लें। इससे पेट साफ रहेगा और नींद भी अच्छी आएगी।
सुबह सेवन (डिटॉक्स हेतु): एक गिलास गुनगुने पानी में त्रिफला मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से शरीर शुद्ध होता है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है।
त्रिफला का काढ़ा: त्रिफला चूर्ण को पानी में उबालकर छान लें और हल्का गुनगुना रहते हुए पिएं — यह आंखों और त्वचा के लिए विशेष लाभकारी है।
ध्यान दें: अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त या पेट में ऐंठन हो सकती है, इसलिए संयमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से सेवन करें।
त्रिफला सिर्फ एक आयुर्वेदिक औषधि नहीं, बल्कि दैनिक जीवन का हिस्सा बन सकता है जो शरीर, मन और स्वास्थ्य — तीनों को संतुलित करता है। आधुनिक विज्ञान द्वारा भी प्रमाणित इसके लाभ इसे एक भरोसेमंद प्राकृतिक टॉनिक बनाते हैं।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी वेब बेस्ड सोर्सेज पर आधारित है। किसी भी तरह के मेडिकल को कंडीशन और ट्रीटमेंट के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें
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